भूमि पंजीयन को लेकर निबंधन कार्यालय में उमड़ रही है भीड़
पहले जब मनोरंजन के साधन कम थे और उनका विकास नहीं हुआ था तब नाटक के माध्यम से ही लोग मनोरंजन किया करते थे। गांव की चौपालों पर नाट्य कला परिषदों की धमक होती थी। गांव के लोग इकट्ठे होते थे और होता था तरह-तरह के नाटकों का मंचन। कभी नाटक के माध्यम से राजा हरिश्चन्द्र की कहानी से लोगों को अवगत कराया जाता था। तो कभी नाटक के माध्यम से लैला-मजनू सोनी महिवाल हीर-रांझा शीरी-फरहाद के किस्से का चित्रण होता था।
सुपौल। जमीन रजिस्ट्री को लेकर बुधवार को अवर निबंधन कार्यालय निर्मली में विक्रेताओं एवं क्रेताओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
ज्ञातव्य हो कि जमीन रजिस्ट्री के बाबत सरकार ने जमीन रजिस्ट्री के प्रावधानों में सुधार कर दिए गए निर्देश के आलोक में विगत कई दिनों तक निबंधन कार्यालय में एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई। परिणाम स्वरूप सरकार को निबंधन कार्यालय से आने वाले राजस्व का नुकसान लगने लगा। पुन: सरकार ने पुरानी पद्धति के हिसाब से जमीन रजिस्ट्री कराने की तिथि मुकर्रर करते हुए आदेश जारी कर दिया। जारी किए गए तिथि के अनुसार 14 नवंबर 2019 तक पुराने तरीके से जमीन रजिस्ट्री हो रही है। इसलिए निबंधन कार्यालय परिसर में जमीन रजिस्ट्री को लेकर विगत कई दिनों से काफी भीड़ देखी जा रही है। 10:00 बजे रात तक निबंधन कार्यालय परिसर में भीड़ लगी रहती है। नए नियम के अनुकूल जमाबंदीदार ही जमीन की बिक्री कर पाएगा। पूर्वजों के नाम चल रहे जमाबंदी को जब तक अपने नाम पर नहीं किया जाएगा तब तक जमीन की बिक्री पूर्वजों के वारिसान नहीं कर पाएंगे। हालांकि निबंधन कार्यालय से जुड़े जानकारों ने यह भी अंदाज लगा रहा है कि वंश वृक्ष के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री जमाबंदीदार के वारिसान द्वारा किए जाने की अनुमति मिल सकती है। आखिर जो भी सरकार का फरमान हो, फिलहाल निबंधन कार्यालय में अनुमंडल क्षेत्र के जमीन खरीद बिक्री करने वाले की खासा भीड़ है।