Move to Jagran APP

निजी विद्यालयों की ओर ज्यादा रूख करने लगे नौनिहाल

सर्व शिक्षा अभियान की ओर से बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए जागरूकता अभियान चलाकर शिक्षा महकमा भले ही अपनी पीठ थपथपा ले। किन्तु प्रखंड क्षेत्र में आज भी शिक्षा की स्थिति बेहतर नहीं हो सकी है। आलम यह है कि प्रखंड क्षेत्र के 50 प्रतिशत विद्यालय में नामांकित बच्चे विद्यालय नहीं जाते हैं। सिर्फ सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए अपना नामांकन करवाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 07:47 PM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 07:47 PM (IST)
निजी विद्यालयों की ओर ज्यादा रूख करने लगे नौनिहाल
निजी विद्यालयों की ओर ज्यादा रूख करने लगे नौनिहाल

सुपौल। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए जागरूकता अभियान चलाकर शिक्षा महकमा भले ही अपनी पीठ थपथपा ले। किन्तु प्रखंड क्षेत्र में आज भी शिक्षा की स्थिति बेहतर नहीं हो सकी है। आलम यह है कि प्रखंड क्षेत्र के 50 प्रतिशत विद्यालय में नामांकित बच्चे विद्यालय नहीं जाते हैं। सिर्फ सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए अपना नामांकन करवाया है। इसका मुख्य कारण है सरकारी विद्यालय से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की कमी। स्थिति यह है कि स्कूल में नामांकित बच्चे सरकारी विद्यालय छोड़कर निजी विद्यालय की ओर रूख कर रहे हैं। यहां के सरकारी विद्यालय में पठन पाठन के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। ग्रामीण इलाके की बात तो दूर मुख्यालय स्थित कई ऐसे विद्यालय हैं जहां समय सीमा से पहले ही विद्यालय बंद हो जाते हैं। ग्रामीण इलाकों के अभिभावकों ने बताया कि विद्यालय से पढाई वाली संस्कृति की समाप्ति हो चुकी है। विद्यालय की साफ सफाई से लेकर प्रार्थना तक नहीं होती है। कई शिक्षक हैं जो विद्यालय आते हैं और रजिस्टर पर अपना हस्ताक्षर करने के उपरांत चले जाते हैं। सरकारी विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधि पूरी तरह से ठप हो चुकी है। फर्जी तरीके से बच्चों की उपस्थिति दिखाकर मध्याह्न भोजन में सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जाती है, ऐसे में बच्चे भी विद्यालय नहीं जा रहे हैं।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.