Move to Jagran APP

महागठबंधन में दरार की संभावना, राजद के विद्रोही तेवर

टिकट बंटवारे से पूर्व ही सुपौल लोकसभा क्षेत्र में महागठबंधन में भूचाल आ गया है। स्थानीय सांसद रंजीत रंजन को फिर से प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना को लेकर महागठबंधन में शामिल स्थानीय राजद कार्यकर्ताओं ने बगावत का सुर अपना लिया है। कार्यकर्ताओं ने यहां तक कह दिया है कि यदि प्रदेश नेतृत्व फिर से रंजीत रंजन को महागठबंधन का प्रत्याशी घोषित करता है तो राजद कार्यकर्ता अपना प्रत्याशी देने को स्वतंत्र होंगे। किसी भी सूरत में महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में रंजीत रंजन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Mar 2019 07:12 PM (IST)Updated: Mon, 25 Mar 2019 07:12 PM (IST)
महागठबंधन में दरार की संभावना, राजद के विद्रोही तेवर
महागठबंधन में दरार की संभावना, राजद के विद्रोही तेवर

सुपौल। टिकट बंटवारे से पूर्व ही सुपौल लोकसभा क्षेत्र में महागठबंधन में भूचाल आ गया है। स्थानीय सांसद रंजीत रंजन को फिर से प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना को लेकर महागठबंधन में शामिल स्थानीय राजद कार्यकर्ताओं ने बगावत का सुर अपना लिया है। कार्यकर्ताओं ने यहां तक कह दिया है कि यदि प्रदेश नेतृत्व फिर से रंजीत रंजन को महागठबंधन का प्रत्याशी घोषित करता है तो राजद कार्यकर्ता अपना प्रत्याशी देने को स्वतंत्र होंगे। किसी भी सूरत में महागठबंधन के प्रत्याशी के रूप में रंजीत रंजन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसको लेकर सोमवार को जिला राजद कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक अहम बैठक आयोजित की गई। प्रो. राजेन्द्र प्रसाद यादव की अध्यक्षता वाले बैठक में राजद के जिलाध्यक्ष सह पिपरा विधायक यदुवंश कुमार यादव ने कहा कि यहां के पार्टी के आम कार्यकर्ताओं की भावना से पूर्व में ही शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया जा चुका है। बावजूद यदि फिर से यहां कांग्रेस के रंजीत रंजन को महागठबंधन का प्रत्याशी बनाकर जबरदस्ती थोपा जाता है तो पार्टी कार्यकर्ता बगावत करने को मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राजद को कांग्रेस से कोई द्वेष नहीं है। लेकिन यहां के सांसद ने महागठबंधन में रहते हुए भी राजद को कमजोर करने का भरसक प्रयास किया है। राजद कार्यकर्ताओं के बलबूते सांसद बने पति-पत्नी ने मिलकर ना सिर्फ महागठबंधन धर्म की अवहेलना की है, बल्कि बार-बार राजद के कार्यकर्ताओं को अपमानित करने का काम किया है। वैसे भी यहां कांग्रेस का कोई जनाधार है ही नहीं। बावजूद उनलोगों ने गठबंधन धर्म का पालन करते हुए गठबंधन के प्रत्याशी को जिताने का काम किया है। राजद के बलबूते संसद पहुंचे दोनों पति-पत्नी ने आम कार्यकर्ताओं को शर्मिंदा करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखा है। जीतने के बाद दोनों ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अपमानित करने का काम किया है। ऐसे में राजद कार्यकर्ता इन्हें कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। विधायक ने कहा कि यदि प्रदेश नेतृत्व जबरदस्ती इन्हें प्रत्याशी बना कर भेजता है तो हम कार्यकर्ता नेतृत्व के विरुद्ध अपना रूख अपनाने को तैयार हैं। भले ही इसका खामियाजा उन्हें विधानसभा की सदस्यता खत्म कर ही क्यों नहीं भुगतना पड़े। कहा कि गठबंधन में सीट जिसके पाले जाए उन लोगों को इससे कोई मतलब नहीं है। लेकिन महागठबंधन का प्रत्याशी रंजीत रंजन हो इसे कदापि स्वीकार नहीं किया जा सकता। एक तरफ यहां के सांसद महागठबंधन धर्म की बात करते हैं, दूसरी तरफ बगल के ही क्षेत्रों में उनके पति महागठबंधन के विरोध में प्रत्याशी बनने का ऐलान कर रखे हैं। ऐसी स्थिति में राजद कार्यकर्ता ऐसे दोहरी नीति को बर्दाश्त नहीं करेगा। इस मौके पर सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.