ग्रामीणों ने खुद उठाया चचरी पुल बनाने का बीड़ा
पहले जब मनोरंजन के साधन कम थे और उनका विकास नहीं हुआ था तब नाटक के माध्यम से ही लोग मनोरंजन किया करते थे। गांव की चौपालों पर नाट्य कला परिषदों की धमक होती थी। गांव के लोग इकट्ठे होते थे और होता था तरह-तरह के नाटकों का मंचन। कभी नाटक के माध्यम से राजा हरिश्चन्द्र की कहानी से लोगों को अवगत कराया जाता था। तो कभी नाटक के माध्यम से लैला-मजनू सोनी महिवाल हीर-रांझा शीरी-फरहाद के किस्से का चित्रण होता था।
सुपौल। ललितग्राम ओपी क्षेत्र अंतर्गत लक्ष्मीनियां पंचायत के वार्ड नंबर 3 के लोगों ने सरकार एवं जनप्रतिनिधियों की राह ताकते-ताकते अब खुद से ही नहर में अर्द्धनिर्मित पड़े एप्रोच पुल का काम सामूहिक रूप से शुरू कर दिया है। गौरतलब हो कि लक्ष्मीनियां पंचायत के वार्ड 3 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना के अंतर्गत योजना संख्या, वित्तीय वर्ष 17-18 से नूर मुहम्मद के घर से परियाही नहर तक एवं नहर में पक्की पुल का निर्माण होना है। जिसके लिए कुल 6 लाख 31 ह•ार की राशि आवंटित है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कार्य प्रारंभ की तिथि से डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी नहर में केवल पाया का निर्माण ही हो पाया है और महीनों से काम बंद है। उक्त विषय पर जब लक्ष्मीनियां पंचायत के मुखिया ततसुन प्रवीण से इस विषय पर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ऊपर से राशि आवंटित नहीं होने के कारण काम बंद है। यह रास्ता वार्ड नंबर 1, 2 एवं 3 के लोगों को पंचायत के दूसरे भाग से एवं बलुआ उधमपुर मार्ग से जोड़ता है। नहर में पुल नहीं होने के कारण लोगों को किसी काम वश 5 किलोमीटर घूम के आना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीण ओमप्रकाश राम, विजय राम, देवेंद्र राम, संजीत राम, बलराम, मनीष राम, अर्जुन राम, मोहन राम ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं प्रशासन की राह देखते अब वह लोग खुद नहर में चचरी पुल का निर्माण कर रहे हैं। क्योंकि उन लोगों के पास अब इनके अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है उन लोगों की समस्या देखने वाला कोई नहीं है।