लोरिक उत्सव में कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोहा
पहले जब मनोरंजन के साधन कम थे और उनका विकास नहीं हुआ था तब नाटक के माध्यम से ही लोग मनोरंजन किया करते थे। गांव की चौपालों पर नाट्य कला परिषदों की धमक होती थी। गांव के लोग इकट्ठे होते थे और होता था तरह-तरह के नाटकों का मंचन। कभी नाटक के माध्यम से राजा हरिश्चन्द्र की कहानी से लोगों को अवगत कराया जाता था। तो कभी नाटक के माध्यम से लैला-मजनू सोनी महिवाल हीर-रांझा शीरी-फरहाद के किस्से का चित्रण होता था।
सुपौल। लोरिक विचार मंच और बीबीसी ट्रस्ट के सौजन्य से पिपरा प्रखंड अंतर्गत सुलोचना शांति निकेतन परिसर रामनगर में वीर लोरिक उत्सव के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें कलाकारों के द्वारा एक से बढ़कर एक गीत-संगीत, नृत्य, अभिनय एवं सरकार के अतिमहत्वाकांक्षी योजनाओं पर आधारित जल-जीवन हरियाली, जनसंख्या नियंत्रण, संस्कृति और सभ्यता, स्वच्छता, शिक्षा अधिकार, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, शराबबंदी, सात निश्चय, नारी सशक्तिकरण, घरेलू हिसा आदि पर आधारित कई कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। जिसमें कलाकारों ने ऐसा समां बांधा कि लोग पूरे कार्यक्रम के दौरान झूमने पर मजबूर हो गए। कलाकार राजेश यादव, रामविलास यादव एवं बिदु भारती की टीम द्वारा कतय से ऐले काली मैया कतय से दुर्गा, सजन रे झूठ मत बोलो, चली आना तू पान की दुकान पे, एक राधा एक मीरा, मेरा तोहफा तू कर ले कुबूल आदि गीत एवं अभिनय वीर लोरिक की जय की प्रस्तुति देकर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। वहीं अरुशी आनंद, निशु कुमारी, मनीषा मोनिका के द्वारा दर्जनों गीतों पर भाव नृत्य किए गए। समापन समारोह के अवसर पर लोरिक विचार मंच, श्रीकृष्ण-सुदामा ईश्वरीय विश्वविद्यालय व लोरिक इंटरनेशनल क्लब के सौजन्य से 51 बुद्धिजीवी, समाजसेवी एवं प्रतिनिधि को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी विद्यासागर, जिला आपूर्ति पदाधिकारी सुरेश कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा के द्वारा पीला अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। क्षेत्रवासियों द्वारा वीर लोरिक के विचार को जन-जन में पहुंचाने के साथ-साथ शिक्षा का प्रचार-प्रसार और सामाजिक कुरीति पर पूर्ण विराम लगाने का संकल्प लिया गया। समापन के मौके पर लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ. अमन कुमार ने कहा कि वीर लोरिक दुनिया में सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। उन्होंने गैर बराबरी और आर्थिक विषमता की खाई को मिटाने की पुरजोर लड़ाई लड़ी। ज्यों-ज्यों समय बीतता जाएगा लोरिक की प्रासंगिकता और बढ़ती जाएगी। गांव के संस्कृति, सभ्यता, संस्कार, राज्यधर्म और दायित्व निर्वहन के लिए लोरिक गाथा रामबाण साबित हो रही है। कहा कि हरदी दुर्गा स्थान में 19-23 नवंबर तक लोरिक महोत्सव 2019 आयोजित किया जाएगा। जिसमें कई नामचीन कलाकार भाग लेंगे। वहीं रामनगर में प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लोरिक उत्सव भी आयोजित किया जाएगा। उत्सव में आचार्य रामजी यादव, रविन्द्र साह, रमेश यादव, हांजी मुहम्मद यासीम, वीणा भारती, सुरेन्द्र कुमार श्यामल, डॉ. इमामन आलम, अनिल मंडल, महादेव दास, भक्ति मंडल, शांति देवी, पप्पू पंडित, शम्भू यादव, बलराम पासवान, सुधीर मिश्र, नरेश कुमार, फुलेश्वर साह, शिवशंकर सादा, मु. मेहदी हसन, लाले यादव, महावीर यादव, सुभाष यादव, जगदीश प्रसाद यादव, महेश्वरी प्रसाद यादव, घनश्याम दास आदि को सम्मानित किया गया।