अपराधियों के हौसले बुलंद, मर्चेंट एसोसिएशन ने कराया बाजार बंद
संसू प्रतापगंज (सुपौल) प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र में अपराधियों के बुलंद हौसले से लोगों में भय का म
संसू, प्रतापगंज (सुपौल) : प्रतापगंज प्रखंड क्षेत्र में अपराधियों के बुलंद हौसले से लोगों में भय का माहौल है। निवर्तमान प्रखंड प्रमुख भूप नारायण यादव के भाई की अपराधियों द्वारा गोली मारने से हुई मौत के सात दिन बीत जाने के बाद भी अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होने के विरोध में मर्चेंट एसोसिएशन ने गुरुवार को बाजार बंद कराते हुए जल्द गिरफ्तारी की मांग की।
दरअसल 17 नवंबर की शाम अपराधियों ने प्रतापगंज के निवर्तमान प्रमुख सह युवा राजद के जिलाध्यक्ष भूप नारायण यादव के छोटे भाई रंजीत कुमार को गोली मारकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। घटना एनएच 57 पर उस वक्त हुई जब वे भीमपुर स्थित अपने खेती को देखकर अपने घर बेलही लौट रहे थे। जब वे घर लौट रहे थे कि एनएच-57 पर दुअनियां पुल के समीप पहले से घात लगाए दो बाइक पर सवार अपराधियों ने रुकने को कहा। नहीं रुकने पर अपराधियों ने ताबड़-तोड़ फायरिग शुरू कर दी। गोली उनकी पीठ और पेट में लगी। गोली लगते ही वे गिर पड़े और अपराधी भाग खड़े हुए। उन्हें प्रतापगंज अस्पताल पहुंचाया गया। वहां प्राथमिक उपचार बाद रेफर कर दिया गया। स्वजन उन्हें उपचार के लिए नेपाल के विराटनगर ले गए। पुलिस ने घटना स्थल से एक खोखा व दो कारतूस बरामद किया था। घटना के बाद से ही उनके गांव में ग्रामीण जल्द स्वस्थ होने की भगवान से प्रार्थना कर रहे थे और उधर विराटनगर में गंभीर स्थिति में उनका इलाज चल रहा था। इन सबके बीच होनी को कुछ और ही मंजूर था इसलिए ना दवा काम आई और ना ही लोगों की दुआ। 19 नवंबर को 26 वर्षीय वह युवक दुनिया से कूच कर गया। देर रात उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम संस्कार में काफी संख्या में लोग शामिल हुए। स्थानीय लोगों की मानें तो वह इतना नेकदिल इंसान था कि लोग उसे बाबाजी कहते थे।
20 नवंबर की सुबह जब उनका शव घर लाया गया तो लोग आक्रोशित हो उठे और शव के साथ एनएच पर बेलही पुल के समीप धरना पर बैठ गए। धरना पर बैठे लोगों का कहना था कि जबतक अपराधी गिरफ्तार नहीं किए जाएंगे तबतक धरना जारी रहेगा। सड़क जाम व धरना की खबर पाते ही प्रतापगंज थानाध्यक्ष प्रभाकर भारती दलबल के साथ धरनास्थल पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन लोगों ने उनकी नहीं सुनी। जाम के कारण वाहनों की कई किलोमीटर तक की कतार लग गई। इसके बाद वरीय पदाधिकारी सहित राघोपुर, भीमपुर, करजाईन आदि थानों की पुलिस भी पहुंची। अनुमंडल पदाधिकारी कुमार सत्येंद्र यादव, डीएसपी पंकज कुमार मिश्रा, इंस्पेक्टर केबी सिंह के साथ लोगों की काफी देर तक वार्तालाप होने के बाद डीएसपी द्वारा अपराधियों को 48 घंटे के अंदर गिरफ्तार किए जाने के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ।
इसके बाद निवर्तमान प्रमुख द्वारा थाना को दिए आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई। दर्ज कांड संख्या 144/21 में निवर्तमान प्रमुख ने कहा है कि उनके भाई की हत्या राजनीतिक साजिश के तहत मेरे परिवार को दहलाने व प्रमुख पद की दिशा से भटकाने के लिए करवाई गई है। बता दें कि चार भाईयों में रंजीत दूसरे नंबर पर थे। राजनीतिक परिवार से रहने के बाद भी उनकी राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह काफी मिलनसार थे। उनके अच्छे स्वभाव के कारण लोग उन्हें बाबाजी कहते थे। खेती-बाड़ी देखना उनका मुख्य काम था। वे इसी में रमे रहते थे। घटना के दिन भी वे खेती देखकर घर लौट रहे थे।
अपराधियों की गिरफ्तारी के तय समय सीमा 48 घंटे बाद गुरुवार को 72 घंटे का समय और बीत गया लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो सकी। इस बीच पुलिस कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ जरूर की लेकिन काम की बात निकलकर सामने नहीं आई है। लोग इस इंतजार में है कि पुलिस आज अपराधियों का खुलासा करेगी लेकिन लोगों को निराशा हाथ लग रही है। हालांकि इस संबंध में पूछे जाने पर थानाध्यक्ष प्रभाकर भारती कहते हैं कि पुलिस कुछ संदिग्धों से पूछताछ कर रही है लेकिन कोई ठोस परिणाम अबतक सामने नहीं आया है।
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फूट पड़ा व्यवसायियों का आक्रोश
इधर घटना के नौ दिन बाद भी कोई ठोस परिणाम आता नहीं देख प्रखंड के व्यवसायियों का आक्रोश फूट पड़़ा। मर्चेंट एसोसिएशन प्रतापगंज के व्यवसायियों ने गुरुवार को दुकानें बंद रखी। बंद का व्यापक असर दिखा। प्रखंड मुख्यालय बाजार सहित अन्य पंचायतों सूर्यापुर चौक, सूर्यापुर, दुअनियां चौक, बांस चौक आदि स्थानों पर दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानों को बंद कर प्रशासन के खिलाफ आक्रोश का इजहार किया। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के अतिरिक्त यातायात, सरकारी कार्यों आदि को बाधित नहीं किया गया था। बंद की वजह से बाजार या फिर प्रखंड क्षेत्र के किसी भी चौक पर लोगों को सामान खरीदने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। आक्रोशित दुकानदारों ने कहा कि अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि पूरे जिला की पुलिस मिलकर भी घटना के नौ दिनों बाद तक अपराधियों तक पहुंचने में सफल नहीं हो पाई है। जब जनप्रतिनिधि के भाई के हत्यारों का उछ्वेदन पुलिस नहीं कर पा रही है, तो आमजनों को पुलिस क्या सुरक्षा दे पाएगी। कहा कि यह बंदी महज चेतावनी भर है अगर जल्द अपराधियों को गिरफ्तार कर घटना का उछ्वेदन नहीं किया गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।