ज्वलंत समस्याओं के प्रति विभाग का नहीं जाता ध्यान, हादसे का इंतजार
सच ही कहा गया है कि कोई भी काम न तो बड़ा होता है न ही छोटा। बशर्ते कि वह काम जिदगी में खुशहाली लाने वाला हो। बेरोजगार युवाओं को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम अब लोगों की जिदगी में मिठास घोलने के साथ खुशहाली लाने का भी काम कर रहे हैं। कम लागत में अधिक आमदनी बेरोजगारों का मुख्य ध्येय बनने लगा है।
संवाद सूत्र, करजाईन बाजार(सुपौल): विकास के इस दौर में अभी भी ज्वलंत समस्याओं के प्रति व्यवस्था बिल्कुल लापरवाह है। शायद व्यवस्था को हादसे का इंतजार है। इधर इस गंभीर समस्या का खामियाजा निरीह जनता को भुगतना पड़ता है। क्षेत्र से होकर गुजरने वाली गम्हरिया उपशाखा नहर पर बने पुलों की टूटी रेलिग लंबे समय से हादसे को खुला न्योता दे रही है, लेकिन संबंधित विभाग मूकदर्शक बने हुए हैं। नतीजतन टूटी रेलिग के चलते लोग हर समय भयभीत रहते हैं। जानकारी के अनुसार बायसी एवं रतनपुर पंचायत में गम्हरिया उपशाखा नहर में बने पुलों की दशा दयनीय हो गई है। इन पुलों की रेलिग पूरी तरह टूट चुकी है, जिसके चलते आए दिन छोटे-बड़े हादसे होते ही रहते हैं। बायसी-बलुआ पथ में बायसी गुरुमैता टोला के निकट तथा ढाढा-विशनपुर पथ में रतनपुर पुरानी बाजार को जोड़ने वाले गम्हरिया उपशाखा नहर में बने पुल की दोनों ओर से टूटी रेलिग राहगीरों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। पुल के बगल में ही सरकारी स्कूल होने के चलते स्कूल आने वाले कई बच्चे एवं मवेशी गिरकर घायल हो चुके हैं। साथ ही अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमे रहते हैं। बावजूद इसके पुल की रेलिग ठीक करवाने के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। बायसी मुखिया लाजवंती रूपम, पूर्व प्रमुख मंजू देवी, पूर्व पंसस तारानंद यादव, प्रो. शिवनंदन यादव, ललन गुरुमैता, अशोक कुंवर, दुर्गानंद यादव, आदि ने बताया कि इन पुलों से रोजाना बड़ी संख्या में छोटे-बड़े वाहनों व लोगों की आवाजाही होती रहती है। लेकिन टूटी हुई रेलिग ठीक करवाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। इस बारे में क्षेत्र के लोगों ने जिला प्रशासन व संबंधित विभाग से अविलंब रेलिग ठीक करवाने की मांग की है।