नववर्ष का जश्न मनाने कोसी बराज पर उमड़ा सैलानियों का सैलाब
कुछ तो कोसी का कोप और कुछ नीति नियंताओं के कारण जिले की आधी से अधिक आबादी गरीब है। मतलब सरकार ने जो गरीबी को मापने के लिए रेखा खींची है उससे नीचे जीवन बसर करती है यहां की साढ़े बारह लाख की आबादी। नतीजा है कि रोजगार की तलाश में मजदूरों का पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। उद्योग-धंधे के नाम पर यहां ऐसा कुछ नहीं नहीं है जो परदेस जाते कदमों को थाम सके।
बाजार(सुपौल): खट्टे-मीठे यादों के साथ वर्ष 2019 विदा हो गया। 31 दिसंबर की रात के 12 बजते ही नव वर्ष की बधाई का सिलसिला शुरू हो गया। वहीं बुधवार को नववर्ष के मौके पर कोसी बराज पर पिकनिक का आनंद उठाने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह से ही दोपहिया एवं चारपहिया वाहनों में सवार होकर सैलानी बराज पहुंचने लगे। वर्ष 2020 के पहले दिन भारत एवं नेपाल सीमा पर स्थित सप्तकोशी नदी के तटपर सैलानियों ने नये साल का भरपूर जश्न मनाया। वैसे पिकनिक स्पाट के रूप में कोसी बराज का काफी पुराना इतिहास रहा है। यहां आये लोगों ने बताया कि वे बीते कई वर्षो से यहां पिकनिक मनाने आते हैं। इस मौके पर खासकर युवाओं की टोली ने कोसी में स्नान, लजीज व्यंजन के साथ ही डीजे की धुन पर नाच-डांस का भी लुत्फ उठाया। कोशी के किनारे बालू पर बच्चों व युवागण नए साल का आनंद लेने में मग्न थे। यहां पर वनभोज एक अलग ही नजारा पेश कर रहा था। बच्चे एवं युवाओं की अलग-अलग टोली चूल्हा-बर्तन लेकर भोजन बनाने की तैयारी में मशगूल दिखे। वहीं डीजे की धुन पर वनभोज के साथ संगीत का भी आनंद लेते लोग देखे गए। इस दौरान तरह-तरह के पकवान, मांस, मुर्गा-मसाला का स्वाद लोगों का जी ललचा रहा था। मालूम हो कि कोशी बराज पर हर वर्ष नए साल के प्रथम दिन सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया जिले के साथ-साथ नेपाल से लोग नववर्ष को मनाने के लिए यहां आते रहे हैं। कोसी बराज पर सप्त कोसी की नदी की मछलियों का अपना अलग अंदाज व मजा है। कहा जाता है कि कोसी की मछलियों का स्वाद अन्य किसी नदी की मछलियों में नहीं होता है। फिर तो बड़े बुजुर्ग को भी नये साल के बहाने कोसी बराज पर आने का मौका मिल जाता है। पिछले कई वर्षो से कोसी नदी में मोटरबोट देखा जा रहा है। यह भी कोसी बराज के आकर्षण का केंद्र बन गया है। लोग सपरिवार आकर नौका बिहार का आनंद भी नववर्ष के बहाने लेते हैं। वहीं करजाईन तथा आसपास के क्षेत्रों में नववर्ष उत्सव को शानदार मौका प्रदान किया। लोगों का उत्साह देखे बनता था। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी घूम-घूमकर लोगों को नववर्ष की बधाई दे रहे थे। धार्मिक प्रवृति के लोग सुबह में ही स्नान, पूजा-अर्चना कर एक-दूसरे को नए वर्ष मंगलमय होने की शुभकामना देखे गए। रतनपुर पुरानी बा•ार स्थित दुर्गा मंदिर में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया गया।
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नववर्ष को ले इंडो-नेपाल प्रशासन दिखी चौकस
नए साल की जश्न को लेकर इंडो-नेपाल पुलिस पूरी तरह चौकस दिखी। कोशी बैराज जाने वाले सभी वाहनों की सघन तलाशी ली जा रही थी। भारतीय क्षेत्र में तैनात एसएसबी के जवान बराज जाने वाले रास्तों में सभी छोटी-बड़ी गाड़ियां और लोगों की सघन तलाशी ले रहे थे। वहीं दूसरी ओर कोसी बराज क्षेत्र में भी नेपाल आर्म्स फोर्स के द्वारा चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई है। जो इस क्षेत्र की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी थी। साथ ही सीमा क्षेत्र में स्थित थाना की पुलिस भी पूरी तरह सतर्क थी। शांति व्यवस्था को लेकर पूरी तरह गश्त लगाती दिखी। अपने-अपने क्षेत्र में विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए सोमवार की देर शाम से ही पुलिसबल लगातार गश्त लगाते दिखे।