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फर्जी तरीके से सेविका चयन का आरोप, कार्रवाई की मांग

बाल विकास परियोजना कार्यालय निर्मली अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 92 पर द्वितीय चरण के सेविका नियुक्ति में अनियमितता किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले को लेकर दीपिका कुमारी ने बाल विकास परियोजना कार्यालय निर्मली में आवेदन देकर चयनित सेविका के विरुद्ध में कई चौकाने वाले तथ्य को रखा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 05:05 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 05:05 PM (IST)
फर्जी तरीके से सेविका चयन का आरोप, कार्रवाई की मांग
फर्जी तरीके से सेविका चयन का आरोप, कार्रवाई की मांग

संवाद सहयोगी, निर्मली(सुपौल): बाल विकास परियोजना कार्यालय निर्मली अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 92 पर द्वितीय चरण के सेविका नियुक्ति में अनियमितता किये जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले को लेकर दीपिका कुमारी ने बाल विकास परियोजना कार्यालय निर्मली में आवेदन देकर चयनित सेविका के विरुद्ध में कई चौकाने वाले तथ्य को रखा है। आवेदन में कहा गया है कि सेविका नियुक्ति के लिए जवाबदेह पर्यवेक्षिका ने प्रकाशित मेधा सूची के क्रमांक संख्या 06 पर दर्ज अर्चना कुमारी का चयन गलत तरीके से जाली प्रमाण पत्र पर किया है। चयनित सेविका अर्चना कुमारी के विरूद्ध नाम एवं जन्म तिथि बदलकर उम्र को छिपाने की शिकायत पर्यवेक्षिका को किया गया था। बावजूद पर्यवेक्षिका लालच में आकर सेविका पद पर नियुक्ति की है। आवेदिका ने कहा है कि अर्चना कुमारी का वास्तविक नाम मालती कुमारी, पिता लालदेव यादव, माता सुनैना देवी, जन्म तिथि 5 जनवरी 2001 महुआ मिडिल स्कूल में दर्ज है। वहीं घैलाढ़ उच्च विद्यालय मधेपुरा में नाम अर्चना कुमारी, जन्मतिथि 03 जुलाई 1995, पिता लालदेव यादव, माता सुनैना देवी के नाम से प्रमाणपत्र प्राप्त कर नियुक्ति की है। जो जांच का विषय है। मेधा सूची में क्रमांक 1-5 तक के अभ्यर्थियों के ऊपर आरोप लगाकर चयन से वंचित किया गया है। वहीं मेल में रहने वाली मेधा सूची के क्रमांक 6 के अभ्यर्थी का चयन सेविका पद पर किया गया है। ज्ञातव्य हो कि पूर्व में भी जाली प्रमाणपत्रों पर निर्मली बाल विकास परियोजना कार्यलय अंतर्गत सेविका का चयन पर्यवेक्षिका द्वारा किया गया है। वैसे जाली प्रमाणपत्र पर चयनित सेविका के शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का विभाग द्वारा आजतक जांच नही कराया गया है ।जिससे जाल फरेब करने वाले अभ्यर्थी एवं इसमें संलिप्त पर्यवेक्षिका का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है। पूछने पर प्रभारी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सह आरडीओ निर्मली ने बताया कि प्राप्त शिकायत आवेदन पर कार्रवाई करते हुए शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का जांच कराया जा रहा है। अगर प्रमाणपत्र जांच में गलत पाया गया तो सेविका को चयनमुक्त किया जाएगा।

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