पूर्णाहुति के साथ पांच दिवसीय विष्णु यज्ञ का समापन
जिले के किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने को लेकर कृषि विभाग गंभीर बना हुआ है। इसकी रोकथाम को लेकर विभाग ने एक ऐप तैयार किया है। जिस ऐप के माध्यम से खेतों की निगरानी की जाएगी तथा खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को चिन्हित कर उन्हें कृषि से संबंधित सभी योजनाओं से एक साल के लिए वंचित रखा जाएगा। जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने बताया कि खेतों में अवशेष जलाए जाने से न सिर्फ खेत की उर्वराशक्ति समाप्त होती है। बल्कि इसका कुप्रभाव वातावरण पर भी पड़ता है।
संवाद सूत्र, करजाईन बाजार(सुपौल): करजाईन में आयोजित त्रिदिवसीय महाविष्णु यज्ञ रविवार को संपन्न हो गया। देव उठान एकादशी के दिन से आरंभ हुए इस यज्ञ से तीन दिनों तक आसपास का माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया। यज्ञ के अंतिम दिन वेद मंत्रोच्चार के साथ यज्ञाचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र एवं पंडित महाकांत झा सहित पंडितगण ने देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना एवं हवन किया। इस मौके पर काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। श्रद्धालुओं ने पूर्ण श्रद्धा से पूर्णाहुति दी। यज्ञाचार्य एवं अन्य पंडितगण ने वैदिक विधानों के साथ महायज्ञ को संपन्न कराया। इस मौके पर श्रद्धालुओं को यज्ञ संबंधित जानकारी प्रदान करते हुए यज्ञाचार्य ने कहा कि यज्ञ की उपासना के द्वारा मनुष्य पूर्ण मनोकामना को पूरा कर सकता है। प्राचीन काल में ऋषि-मुनि व राजा-महाराजाओं ने यज्ञ की उपासना के माध्यम से ही अतुल शक्ति प्राप्तकर अपने-अपने इष्ट की सिद्धि प्राप्त की थी। सामवेद में कहा गया है कि यज्ञ करने से ही देवताओं को देवत्व की प्राप्ति हुई। सौ यज्ञ करने के कारण ही इंद्र को इंद्रासन मिला। आज भी श्रद्धा-भक्ति पूर्वक किए जाने वाले यज्ञ का वही महत्व है जो पुरातन काल में था। वेदों का उदाहरण देते हुए आचार्य ने कहा कि वेदादि ग्रंथों में अनेक प्रमाणिक विधि-विधान है, जिनके द्वारा आज भी मनुष्य पुत्र प्राप्ति, धन प्राप्ति, वृष्टि प्राप्ति, मु़कदमा में विजय प्राप्ति, मानसिक-शारीरिक रोगादि से मुक्ति सहित अनेक कामनाओं को सफलता से प्राप्त कर सकता है। पांच दिनों तक चले इस यज्ञ से क्षेत्र का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया। इस विष्णु यज्ञ के सफल आयोजन में आयोजक प्रो. बल्ली प्रसाद सिंह, शशि प्रसाद सिंह, भगवान सिंह, शैलेश सिंह सहित अन्य श्रद्धालु पूरी निष्ठा से जुटे रहे।