चिलौनी पंचायत में आग लगने से दो घर सहित हजारों रुपये की संपत्ति राख
जिले के किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने को लेकर कृषि विभाग गंभीर बना हुआ है। इसकी रोकथाम को लेकर विभाग ने एक ऐप तैयार किया है। जिस ऐप के माध्यम से खेतों की निगरानी की जाएगी तथा खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को चिन्हित कर उन्हें कृषि से संबंधित सभी योजनाओं से एक साल के लिए वंचित रखा जाएगा। जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने बताया कि खेतों में अवशेष जलाए जाने से न सिर्फ खेत की उर्वराशक्ति समाप्त होती है। बल्कि इसका कुप्रभाव वातावरण पर भी पड़ता है।
संवाद सूत्र, प्रतापगंज(सुपौल): प्रखंड अन्तर्गत चिलौनी उत्तर पंचायत के वार्ड 3 स्थित शर्मा टोला में शनिवार की रात आगजनी की घटना में दो परिवारों का दो घर सहित हजारों की संपत्ति जलकर राख हो गई। आगजनी का कारण मवेशियों के लिए जलाए गए अलाव से निकली चिगारी बताई जा रही है। पीड़ित परिवार के सदस्य राजकुमार शर्मा की पत्नी शांति देवी बताती हैं कि हमलोग रात का खाना खाकर बगल के घर में सो रहे थे। करीब रात के 10 बजे बगल में सो रहे बच्चे के रोने की आवाज सुनकर उठे तो बगल वाले घर में आग की तेज रोशनी दिखाई दी। दरवाजा खोलकर देखा तो घर में आग लगी हुई थी। आनन-फानन में घर से बच्चों को बाहर निकाल कर हो हल्ला करने लगे।
हो-हल्ला सुनकर आस पड़ोस के अन्य परिवारों के सदस्य भी उठे। तत्पश्चात पहुंचे लोगों की बड़ी मशक्कत से आग पर काबू पाया जा सका। जबतक लोग आग पर काबू कर पाते तब तक राजकुमार शर्मा के 2 बकरी, घर में रखा अनाज, जेवरात, 5 हजार नकदी सहित अन्य समान जलकर राख हो गया। वहीं छेदी शर्मा के घर में रखा अनाज, बर्तन, 3 हजार नगद सहित सारा सामान जलकर राख हो गया। साथ ही एक गाय भी घटना में बुरी तरह से झुलस गया। अगलगी की घटना सुन पूर्व प्रमुख भूपनारायण यादव, उप प्रमुख अमोल भारती घटनास्थल पर पहुंच पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए पीड़ित परिवार को सरकारी लाभ दिलाने का भरोसा दिलाया। पूर्व प्रमुख ने बताया कि प्रतापगंज थानाध्यक्ष को रात में आग लगने की घटना की जानकारी देते हुए अग्निशामक की मांग की गई तो उन्होंने बताया कि प्रतापगंज थाना से अग्निशामक को हटा लिया गया है। उसके बाद राघोपुर थाना से अग्निशामक को फोन कर मंगाया गया। जबतक में राघोपुर थाना से अग्निशामक पहुंचा तबतक ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पा लिया गया था। ग्रामीणों का आक्रोश है कि समय पर प्रतापगंज से अग्निशामक वाहन पहुंचा होता तो इतनी बड़ी क्षति नहीं होती। प्रबुद्धजनों नें प्रतापगंज थाना को पूर्व में उपलब्ध कराए गए अग्निशामक यंत्र को पुन: उपलब्ध कराने की मांग की है।