विजेता कप पर सहरसा की टीम ने जमाया कब्जा
मशीनीकरण ने भले ही लोगों को सुख-सुविधा मुहैया कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा हो लेकिन कई परंपरागत चीजें विलुप्त हो गई या फिर विलुप्ति के कगार पर पहुंच गई है। मशीनीकरण से लोगों का चौका-चूल्हा भी अछूता नहीं रहा। रसोई में काम आने वाला जाता (अनाज पीसने वाला पत्थर का दो पाट) सिलबट्टा (मसाला पीसने वाला पत्थर का टुकड़ा) घरों से गायब होता जा रहा है। इसका असर यह है कि इसे बनाने और कूटने वालों का कारोबार बंद होने पर है। मिक्सी ग्राइंडर की मार इस रोजगार को लगभग बंद कर दिया है।
संवाद सूत्र, करजाईन बाजार(सुपौल): परमानंदपुर पंचायत के गोसपुर गांव स्थित रमानाथ उच्च विद्यालय के प्रांगण में युवा भारती क्रिकेट क्लब के तत्वावधान में आयोजित टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में नेपाल को हराकर सहरसा की टीम ने विजेता कप पर कब्जा जमा लिया। खुशनुमा माहौल में शुरू हुआ फाइनल मुकाबला में पहले बल्लेबाजी करते हुए नेपाल की टीम ने सभी विकेट खोकर 83 रन बनाए। जवाब में खेलने उतरी सहरसा की टीम ने 15 ओवर में सात विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया। विजेता सहरसा टीम के कप्तान को मुख्य अतिथि आचार्य पंडित धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने विजेता ट्राफी एवं 11 हजार की नगद राशि प्रदान की। इस मौके पर मुख्य अतिथि आचार्य ने दोनों टीमों के खिलाड़ियों सहित युवा भारती क्रिकेट क्लब के सदस्यों को टूर्नामेंट के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। साथ ही आशा व्यक्त की कि आगे भी इस तरह के खेल टूर्नामेंट का आयोजन यहां पर होते रहे। कहा कि अब खेल के क्षेत्र में प्रतिभावान खिलाड़ी उचित मुकाम हासिल कर अपने समाज एवं देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैसे हर व्यक्ति को खिलाड़ी होना चाहिए। क्योंकि खेल से व्यक्ति का शारीरिक एवं बौद्धिक विकास होता है। टूर्नामेंट के सफल आयोजन में युवा भारती क्रिकेट क्लब के सदस्य, स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित स्थानीय ग्रामीण का सराहनीय सहयोग रहा।