बिहारी गुरमैता उमवि के पूर्व प्रधान पर डीपीओ ने गठित की जांच टीम
दिवाली का समय हो घर में लक्ष्मी के आगमन की तैयारी चल रही हो भला उनके स्वागत में घर की साफ-सफाई कौन नहीं करना चाहेगा लिहाजा दिवाली को लेकर घरों में सफाई और रंगाई-पुताई का काम सभी करवाते हैं। ऐसे में माता-पिता घर की सफाई और सजावट में व्यस्त हैं तो बच्चे भी कहां चूकने वाले वे घरौंदा बनाने व सजाने में मशगूल रहते हैं।
जागरण संवाददाता, सुपौल: सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के बिहारी गुरमैता उच्च माध्यमिक विद्यालय के पूर्व प्रधान द्वारा शैक्षणिक सत्र 2014-15 से शैक्षणिक सत्र 2017-18 तक लाभुक आधारित योजनाओं में की गई अनियमितता एवं गबन को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित की है। जिसे 1 सप्ताह के अंदर जांच प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा है। जारी आदेश में डीपीओ ने कहा है कि उक्त विद्यालय के निलंबित प्रधान इंद्रनारायण मेहता द्वारा उक्त वित्तीय वर्ष में विभिन्न लाभुक आधारित योजनाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितता एवं गबन की गई है। जिसको लेकर विद्यालय के छात्र-छात्रा एवं अभिभावकों द्वारा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी में परिवाद दायर किया गया था। दायर परिवाद के आलोक में अभिलेखों की आंशिक जांच में प्रथम ²ष्टया अनियमितता पाई गई। जिसके फलस्वरूप दोषी प्रधान को निलंबित कर उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही प्रारंभ की गई थी। मामले में जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा पारित आदेश में विस्तृत जांच हेतु आदेशित किया गया है। इसी क्रम में प्रमोद कुमार द्वारा उक्त मामले में गबन की गई राशि एवं प्राथमिकी हेतु जिला लोक शिकायत निवारण सुपौल के समक्ष परिवाद दायर किया गया है। डीपीओ ने जारी अपने आदेश में मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मरौना एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सरायगढ़-भपटियाही को संयुक्त रूप से उक्त मामले की जांच हेतु प्राधिकृत करते हुए 1 सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट समर्पित करने को कहा है। इसके अलावा इस जांच में ललित नारायण बालिका विद्या मंदिर बलुआ बाजार के लिपिक विकास कुमार को सहयोगी के रूप में प्राधिकृत किया गया है।