स्टोरी ऑफ द डे::::::उपशाखा नहर से गायब हो गई हरियाली
छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे। छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे। छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे। छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे। छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे। छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे। छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे। छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे। छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे। छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे। छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे। छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे। छापामारी दल का नेतृत्व थानाध्यक्ष सुधाकर कुमार खुद कर रहे थे।
संवाद सूत्र, सरायगढ़(सुपौल): सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली सुपौल तथा सहरसा उपशाखा नहर से बीते कुछ वर्षों से हरियाली गायब है। करीब 15 वर्ष पूर्व केनाल विभाग ने अभियान चलाकर सुपौल तथा सहरसा उप उपशाखा नहर सहित अन्य खाली जगहों पर इमारती पौधे लगाए गए थे। जब यह पौधा वृक्ष बना तब समय पूरा होते ही विभाग ने इसकी कटाई की थी। जिसमें लाखों-लाख का मुनाफा हुआ था। लगाए गए पौधों में शीशम, गुलमोहर, यूक्लिप्टस सहित अन्य थे। वृक्ष को काटे जाने के बाद केनाल विभाग की ओर से दोबारा पौधरोपण नहीं किया गया और उस समय से अब तक यह सभी नहरें खाली की खाली है।
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काफी हरा-भरा दिखता था नहर
सुपौल उप शाखा, सहरसा उपशाखा तथा इन दोनों नहरों से निकलने वाले विभिन्न माइनरों पर पौधरोपण से पूरा इलाका हरा-भरा दिखाई देता था। वृक्ष के कारण नहरों की मिट्टी का क्षरण रुका था। वृक्षों की सुरक्षा में लगे गार्ड के कारण लोग नहरों से अवैध मिट्टी की कटाई भी नहीं कर पाते थे। लेकिन जैसे ही नहरों से वृक्ष गायब हुआ कि इस पर चौकीदारों का आना-जाना भी कम हो गया। लोग धीरे-धीरे इसकी मिट्टी को जहां-तहां काटने लगे जिससे जगह-जगह नहर पर खतरा बना हुआ है। लोग जहां भी चाह रहे हैं नहर के मिट्टी काटकर अपने निजी उपयोग में लगाते जा रहे हैं। इसको देखने वाला कोई नहीं है।
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फिर लौट सकती है हरियाली
प्रखंड क्षेत्र के कई लोग कहते हैं कि वन विभाग के अधिकारी यदि एक बार फिर नहरों तथा माइनरों पर पौधरोपण अभियान चलाए और उस पौधों की देखरेख कराए तो यह सभी जगह एक बार फिर हरा भरा दिखने लगेगा। इससे सरकार के राजस्व में इजाफा होगा।