महाष्टमी पर मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु, लगता रहा जयकारा
किशनगंज जिला के धरमगंज गांव अंतर्गत वार्ड नंबर 11 की रहने वाली प्रमिला तिवारी पिछले कुछ माह से सुपौल जिले के विभिन्न गांव में घूम-घूम कर महिलाओं को पर्यावरण सुरक्षा का पाठ पढ़ा रही है। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड कार्यालय के कर्मचारी आवास परिसर में रहकर वह किशनपुर तथा राघोपुर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में भी पहुंचती है। सुबह 5 बजे उठना और मॉर्निंग वॉक के बाद तैयार होकर गांव के तरफ प्रस्थान कर जाना उनके दिनचर्या में देखा जा रहा है।
संवाद सूत्र, करजाईन बाजार(सुपौल): दुर्गा अष्टमी के मौके पर सुबह से ही माता के मंदिरों में भक्तों का आगमन शुरू हो गया। माता जगदम्बा का दर्शन करने के लिए मंदिर में श्रद्धालु उमड़ पड़े। क्षेत्र के करजाईन बा•ार स्थित दुर्गा मंदिर में आचार्य पंडित धर्मेंद्रनाथ मिश्र, रतनपुर पुरानी बा•ार में पंडित अजय मिश्र सहित रतनपुर नया बा•ार, गोसपुर, संस्कृत निर्मली, बसावनपट्टी, ढाढा, बौरहा, परमानंदपुर, साहेवान, मोतीपुर आदि जगहों पर स्थित दुर्गा मंदिरों में विद्धतजन पूर्ण वैदिक रीति-रिवाज से माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना में जुटे हुए हैं। विद्वानों के श्लोकों व दुर्गा सप्तशती के पाठ से माहौल पूरी तरह भक्तिमय बन गया है। माता की निराली महिमा हर किसी को रिझा रही है। हर कोई माता के भक्ति रस में सराबोर है। जगह-जगह जागरण व अन्य आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। माता दुर्गा सहित अन्य देवी-देवताओं के पूजन के बाद श्रद्धालु कन्या पूजन में भी जुटे हुए हैं। देवी भागवत पुराण के अनुसार नवरात्र के अंत में कन्या पूजन का महत्व है। इसके बिना नवरात्र व्रत अधूरा माना जाता है। कन्या पूजन के लिए दस वर्ष तक की नौ कन्याओं की पूजा की जाती है। पूरी, हलवा, खीर, भुने चने तैयार कर सबसे पहले मां दुर्गा को भोग लगाकर कन्याओं को खिलाया जाता है। भोजन से पहले कन्याओं के पैर धोकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है। वही रतनपुर, करजाईन सहित अन्य जगहों के पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि मेले व सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू हो चुका है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है।