महागौरी की कृपा से होती है अलौलिक शक्ति की प्राप्ति
पौल जिले के उत्तरी छोर पर अवस्थित सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के पूर्वी तथा उत्तरी कोने के पंचायत छिटही हनुमाननगर की बीवी नसीमा खातून पिछले 4 वर्षों से पर्यावरण सुरक्षा के लिए लगातार रूप से संघर्षरत रही है। अपने जीवन में पौधरोपण अभियान को प्रमुख कार्य बना रखी नसीमा दिनभर जगह-जगह घूमकर लोगों को पौधे लगाने की प्रेरणा देती है। उनके अथक प्रयास के बल आज आधे दर्जन से अधिक गांव हरियाली की ओर बढ़ रहा है।
करजाईन बाजार: आदि शक्ति श्री दुर्गा का अष्टम रूपांतर श्री महागौरी है। इनका वर्ण पूर्णत: गौर है। इसलिए ये महागौरी कहलाती हैं। नवरात्रि के अष्टम दिन इनका पूजन और अर्चन किया जाता है। इनकी कृपा से अलौलिक शक्ति एवं सिद्धियां की प्राप्ति होती है। महागौरी अपने भक्तों का कष्ट दूर करती हैं। इनकी उपासना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। ये मनुष्य के वृतियों को सत्य की ओर प्रेरित कर असत्य का विनाश करती हैं। आचार्य ने बताया कि इनकी आराधना के दौरान साधक को अपना चित्त सोम चक्र में स्थिर करके साधना करनी चाहिए। माता महागौरी की आराधना से साधक को सोम चक्र जागृत होने की सिद्धियां स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं।