पूजा व कार्यक्रमों के दौरान सतर्कता बरतने की है जरूरत
छातापुर प्रखंड क्षेत्र के बलुआ बाजार में स्थित दुर्गा मंदिर श्रद्धालुओं के लिए असीम आस्था का प्रतीक है। इस मंदिर परिसर में अनुमानित 250 वर्षों से माता की पूजा-अर्चना हो रही है। माता की पूजा-अर्चना की शुरुआत कब और किसने की इसकी कोई ठोस जानकारी नहीं है। फिर भी भक्तों के आस्था का जनसैलाब यहां प्रत्येक दुर्गा पूजा में उमड़ता है।
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जागरण संवाददाता, सुपौल: दुर्गा पूजा के मद्देनजर शुक्रवार को सदर थाना परिसर में अनुमंडल पदाधिकारी कयूम अंसारी की अध्यक्षता में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभिन्न पूजा समिति के पदाधिकारी सहित गणमान्य लोगों ने भाग लिया। बैठक को सम्बोधित करते हुए एसडीओ ने कहा कि सुपौल के लोगों के सहयोग व सुझाव का नतीजा है कि बड़ी से बड़ी समस्या चुटकी में हल कर ली गई है। यहां के लोग पहाड़ को राई बनाने का हुनर जानते हैं। और जगह यह स्थिति नहीं है। जो चीज जितनी बेहतर होती है उसे सहेज कर रखने में भी उतनी ही मेहनत है। कहा कि प्रशासन मुस्तैद है, लेकिन यहां के लोगों से प्रशासन की कुछ अपेक्षाएं है। जहां मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा वहां ज्यादा मुस्तैद रहने की जरूरत है। क्योंकि बारिश के चलते पानी बढ़ा है और ऐसे में कोई हादसा न हो सजग रहना होगा। वैसे मूर्ति विसर्जन वाले जगह पर नाव, गोताखोर व एनडीआरएफ की टीम लगाई जाएगी। कहा कि कोई भी पर्व आस्था से जुड़ा होता है। इसलिए पूजा स्थल पर धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करें तो बेहतर है। थियेटर व आरकेस्ट्रा की स्वीकृति नहीं दी जाएगी। पूजा पंडालों में इस तरह बिजली वायरिग करवाएं कि कोई शार्ट-सर्किट न हो। डीएसपी विद्यासागर ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पिछले बार की तरह ही इस बार दुर्गा पूजा शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो। अगर कहीं शराब बिकती है या कोई पीता है तो पुलिस को इसकी सूचना दें। कहा कि सुपौल में आयोजित होने वाले रावण दहन को देखने तटबंध के अंदर नदी पार से भी लोग आते हैं। जिसकी संख्या लगभग ढाई से तीन हजार की होती है। जिसमें से आधे लोग देर शाम को घर लौटते हैं। ऐसे में नदी के घाट पर भी मुस्तैद रहने की जरूरत है। लोगों को कोशी नदी पार करने में दिक्कत न हो इसके लिए नाव की भी व्यवस्था की जाय। बैठक में लोगों ने बोलते हुए प्रशासन को कई सुझाव दिए। बैठक में बीडीओ, सीओ, थानाध्यक्ष दीनानाथ मंडल, नागेन्द्र नारायण ठाकुर, भगवान चौधरी, राघवेंद्र झा, मो. जमालउद्दीन, मो.तजमुल, विशेश्वर प्रसाद सिंह, अरूण कुमार झा, बसंत मुखिया सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।