समस्याओं से घिरा अनुमंडलीय अस्पताल, मरीजों को होती परेशानी
छातापुर प्रखंड क्षेत्र के बलुआ बाजार में स्थित दुर्गा मंदिर श्रद्धालुओं के लिए असीम आस्था का प्रतीक है। इस मंदिर परिसर में अनुमानित 250 वर्षों से माता की पूजा-अर्चना हो रही है। माता की पूजा-अर्चना की शुरुआत कब और किसने की इसकी कोई ठोस जानकारी नहीं है। फिर भी भक्तों के आस्था का जनसैलाब यहां प्रत्येक दुर्गा पूजा में उमड़ता है।
संवाद सूत्र, त्रिवेणीगंज(सुपौल): अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज में आज भी सुविधाओं का अकाल है। मरीजों को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बेड के अभाव में मरीज जमीन पर सोते हैं। विभाग के द्वारा त्रिवेणीगंज में नया अनुमंडलीय अस्पताल भवन एक सौ बेड का स्वीकृत हुआ है और स्थानीय विधायक के द्वारा पचास बेड दिया गया है। जिस पर अभी तक कोई भी काम शुरू नहीं हुआ है। जब बुधवार को सीएस डा1 केएम प्रसाद से डॉक्टर की कमी बारे में पूछा गया तो सीएस ने बताया कि पूरे बिहार में डॉक्टर की कमी चल रही है। अनुमंडलीय अस्पताल की व्यवस्थाएं और भी ज्यादा खराब हो गई है। जबकि प्रतिदिन पच्चीस से तीस महिलाए प्रसव के लिए आती है। अगर कहीं परिवार नियोजन के लिए पंद्रह से बीस की संख्या में आ गयी तो अस्पताल में अफरा-तफरी मच जाती है।