Move to Jagran APP

पूर्ण वैष्णवी पद्धति से करजाईन में होती है मां की आराधना

आदि शक्ति माता दुर्गा का षष्ठम रूप श्री कात्यायिनी के नाम से जाना जाता है। महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदि शक्ति उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म ली थी। इसलिए वे कात्यायिनी कहलाती हैं। नवरात्र के छठे दिन इनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इस बारे में आचार्य पंडित धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने बताया कि भगवती कात्यायनी की भक्ति व उपासना से साधक को धर्म अर्थ काम और मोक्ष इन चारों फलों की प्राप्ति होती है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 06:14 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 06:14 PM (IST)
पूर्ण वैष्णवी पद्धति से करजाईन में होती है मां की आराधना
पूर्ण वैष्णवी पद्धति से करजाईन में होती है मां की आराधना

संवाद सूत्र, करजाईन बाजार(सुपौल): राघोपुर प्रखंड अंतर्गत एनएच 106 पर अवस्थित करजाईन बा•ार में स्थित मां दुर्गा मंदिर में करीब सात दशक से नवरात्र के अवसर पर माता दुर्गा की पूजा-अर्चना पूर्ण वैष्णवी पद्धति से वैदिक रीति-रिवाज से की जाती है। इस मंदिर के निर्माण के लिए बलुआ बा•ार निवासी स्व. पंडित दिवाकर मिश्र ने जमीन दान स्वरूप दी थी। मंदिर के स्थापना काल में बा•ार के व्यापारियों व स्थानीय लोगों ने फूस का घर बनाकर पूजा-अर्चना शुरु की थी। बाद में यह यह फूस का घर छत के रूप में परिवर्तित हो गया। वर्तमान में यह परिवर्तित होकर भव्य दोमंजिला भवन का रूप ले चुका है। स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि स्व. मांगन दास ने यहां पर भगवती का निर्वहन कार्य शुरु किया था। उन्हें इस कार्य का आदेश भगवती ने स्वप्न में दिया था। उनके देहावसान के बाद बाहर के कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रतिमा का निर्माण किया जाता है। नवरात्र के दिनों में यहां की संध्या आरती लोगों के आस्था का केंद्र बन जाता है। प्रतिदिन एक से दो हजार श्रद्धालु संध्या आरती में पहुंचते हैं। वहीं सुबह से देर संध्या तक आचार्य पंडित धर्मेंद्रनाथ मिश्र के श्लोकों एवं भक्ति गीतों से पूरे क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना रहता है। दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण शारदा, उपाध्यक्ष गोपी स्वर्णकार, सचिव लाल मेहता, गरीब स्वर्णकार, कोषाध्यक्ष अयोध्या प्रसाद दास, हरि राण, मन्ना गुरुमैता, मनमोहन सिंह, बमबम झा के साथ-साथ स्थानीय युवा पूजा एवं अन्य गतिविधियां संपन्न कराने में पूरी तरह सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.