बिजली शॉट-सर्किट से लगी आग, पांच लाख की संपत्ति राख
जिले के किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाने को लेकर कृषि विभाग गंभीर बना हुआ है। इसकी रोकथाम को लेकर विभाग ने एक ऐप तैयार किया है। जिस ऐप के माध्यम से खेतों की निगरानी की जाएगी तथा खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को चिन्हित कर उन्हें कृषि से संबंधित सभी योजनाओं से एक साल के लिए वंचित रखा जाएगा। जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने बताया कि खेतों में अवशेष जलाए जाने से न सिर्फ खेत की उर्वराशक्ति समाप्त होती है। बल्कि इसका कुप्रभाव वातावरण पर भी पड़ता है।
संवाद सूत्र, त्रिवेणीगंज(सुपौल): प्रखंड क्षेत्र के हेमंतगंज वार्ड नम्बर 16 में बिजली से आग लगने से पांच घर सहित लाखों रुपये की संपत्ति जलकर राख हो गई। कड़ी मशक्कत के बाद स्थानीय लोगों ने आग पर काबू पाया। हालांकि देर से पहुंची अग्निशामक दस्ते ने भी अपनी भूमिका निभाई। स्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों के अनुसार बिजली से यह आग लगी है। जिसमें एक बकरी, दो साइकिल एवं नकदी रुपया सहित पांच लाख की क्षति हुई है। स्थानीय निवासी मिथिलेश सरदार का तीन घर आग की चपेट में आ गया तो वहीं शंभूलाल सरदार का दो घर आग लगने से राख हो गया। आग की विकरालता ने लोगों को कुछ भी सामान निकालने का मौका तक नहीं दिया। मिथिलेश सरदार की दो साइकिल भी जल गई। घर में रखे नकद 25 हजार रुपया सहित अन्य जरूरी कागजात भी आग की भेंट चढ़ गए। बिजली की शॉट-सर्किट से लगी आग सुबह साढ़े नौ दस बजे के आसपास लगी। आग लगने की खबर मिलते ही बगल की बस्ती से आए स्थानीय निवासी कार्तिक भगत गंभीर रूप से घायल हो गए जिसे लोगों ने अनुमंडल अस्पताल त्रिवेणीगंज पहुंचाया।
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आग लगने की वजह
आग लगने से नारा•ा स्थानीय लोगों ने आग लगने का सारा आरोप बिजली विभाग पर लगा दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि सभी जगह बिजली सप्लाई के लिए कवर युक्त तार का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन घनी बस्ती रहने के बावजूद बिजली विभाग की लापरवाही साफ दिख रही है। यहां घरों के ऊपर से नंगा तार क्रॉस किया है जो बिजली विभाग की उदासीनता को दर्शाता है।
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क्षति के आकलन को नहीं पहुंचे अधिकारी
ग्रामीणों ने बताया कि यह आग रविवार के सुबह करीब दस बजे लगी। जिसके बाद हम ग्रामीणों ने आग पर काबू पाया। हमलोगों के द्वारा स्थानीय अधिकारियों को इसकी सूचना तत्काल मोबाइल से दी गई। लेकिन करीब घटना के तीन चार घंटे बाद भी कोई अधिकारी व सरकारी कर्मी पीड़ितों की सुध लेने नहीं पहुंचे।