मखाना उत्पादक किसानों के लिए खुशखबरी, अब बीज के साथ टूल्स किट पर भी मिलेगा अनुदान
सुपौल जिले में मखाना की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने मखाना अवयव योजना 2025-26 शुरू की है। इस योजना के तहत किसानों को बीज और टूल्स किट पर अनुदान ...और पढ़ें

मखाना किसानों के लिए खुशखबरी। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, सुपौल। वैसे तो कोसी प्रभावित सुपौल जिले में मखाना खेती की खासियत और महत्व सदियों पुरानी है। पिछले एक दशक से सरकार और विभाग ने इसे आधुनिक तकनीक और विज्ञानी तरीके से उन्नत कर मखाना क्रांति की शुरुआत हुई है।
इस मखाना क्रांति को और बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए मखाना अवयव योजना लांच की है।
इस योजना के तहत मखाना किसानों को क्षेत्र विस्तार, उन्नत बीज वितरण और टूल्स किट पर अनुदान देने का फैसला लिया है।
इस योजना का लाभ लेने के लिए विभाग किसानों से उद्यान निदेशालय की वेबसाइट के माध्यम से आनलाइन आवेदन ले रहा है। एक किसान 25 डिसमिल से लेकर 5 एकड़ तक के लिए लाभ ले सकते हैं।
12 हजार किलोग्राम बीज वितरण का लक्ष्य
दरअसल सरकार ने पहली बार मखाना उत्पादक किसानों के लिए अनुदानित दर पर उन्नत बीज मुहैया कराने का फैसला लिया है। इसके तहत जिले को 12 हजार किलोग्राम बीज वितरण करने का लक्ष्य दिया है।
इस पर किसानों को 75 फीसद का अनुदान दिया जाएगा। एक किसान न्यूनतम 25 डिसमिल तथा अधिकतम पांच एकड़ के लिए आवेदन कर सकते हैं, जबकि एक हेक्टेयर में करीब 30 किलोग्राम बीज लगने का अनुमान लगाया जा रहा है।
इच्छुक किसानों को अनुशंसित सबौर मखाना एक किस्म के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे। यह बीज किसानों को विभाग द्वारा मुहैया कराया जाएगा। जिस पर किसानों को 75 फीसद अनुदान दिया जाएगा।
75 प्रतिशत मिलेगा अनुदान
जिले में वर्ष दर वर्ष मखाना खेती विस्तार ले रहा है। खेती से प्राप्त मखाने के बीजों की प्रोसेसिंग कर किसान मखाना बनाते हैं। इसे बाजार में बेचकर काफी अच्छा लाभ कमाते हैं। जिले में उत्पादित होने वाले मखाने को जीआइ टैग भी मिल चुका है। इन्हीं सबको देखते हुए सरकार ने मखाना विकास योजना की शुरूआत की है।
इस योजना के तहत जिले में मखाने की खेती का विस्तार करना चाहती है। इसके लिए सरकार योजना के तहत मखाने की खेती करने और बीज वितरण कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान दे रही है।
मखाना खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किसानों को मखाना की उच्च प्रजाति और उन्नत बीज अनुदानित दर पर उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। इसके तहत जिले को 12 हजार किलोग्राम बीज वितरण करने का लक्ष्य दिया है। दिसंबर माह बीज अंकुरित होने का उत्तम माह माना जाता है। फिलहाल विभाग किसानों से आनलाइन आवेदन ले रहा है। -डॉ. अमृता कुमारी, जिला उद्यान पदाधिकारी

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