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लॉकडाउन: प्रवासी आ रहे अपनी माटी, बढ रही लोगों की चिता

उक्त योजना में अधिकांश कोशी नदी एवम नाम मात्र सोन बालू और थर्ड क्लास की गिट्टी का धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है ।ढलाई जहां छ इंच किया जाना था। वहां मात्र तीन इंच किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 06:02 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2020 06:02 PM (IST)
लॉकडाउन: प्रवासी आ रहे अपनी माटी, बढ रही लोगों की चिता
लॉकडाउन: प्रवासी आ रहे अपनी माटी, बढ रही लोगों की चिता

जागरण संवाददाता सुपौल : कोरोना के संक्रमण व फैलाव को लेकर लोग सशंकित हैं और सावधानी बरत रहे हैं। सरकार ने भी 24 मार्च की आधी रात से 21 दिनों के लिए पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया है। लोगों को अपने अपने घर में रहकर इस संक्रमण से बचने की सलाह दी है। लॉकडाउन का असर सुपौल जिले में भी दिख रहा है। लोग सरकार के इस फरमान का समर्थन और आदर करते हुए अपने अपने घरों में रहते हुए कोरोना महामारी के संक्रमण व फैलाव को रोकने में भूमिका निभा रहे हैं। लॉकडाउन के छठे दिन सोमवार को भी लॉकडाउन को समर्थन मिलता दिखा। आवश्यक सेवाओं की दुकानें खुली दिखीं और लोग इन दुकानों से जरूरत की चीजें खरीद कर अपने-अपने घरों की ओर जाते दिखे। लॉकडाउन से बाहर रखे गए वाहनों की सड़क पर आवाजाही दिखी। मालवाहक वाहन सड़क पर चलते देखे गए। प्रशासन द्वारा राशन, साग-सब्जी एवं फल की दुकानों को सुबह 6 बजे से संध्या 6 बजे तक ही खोलने का निर्देश दे रखा है। वहीं, प्रशासन द्वारा अंडा, मुर्गी, मछली, मांस, पशु चारा आदि की दुकानों को भी खोलने का निर्देश दिया है। लोग शारीरिक दूरी व आइसोलेशन का पालन कर रहे हैं और कोरोना नामक महामारी से लड़ने में भूमिका निभा रहे हैं। इधर प्रवासी मजदूरों के जिले में प्रवेश करने से लोगों की चिताएं बढ़ चली है। अन्य प्रदेशों में तरह-तरह की परेशानियां झेल रहे इन प्रवासी मजदूरों का अपनी माटी की ओर आना शुरू हो गया है। हालांकि जिला की सीमा पर ऐसे प्रवासी मजदूरों के लिए स्क्रीनिग की व्यवस्था की गई है। उन्हें क्वारंटाइन सेंटर भेजा जा रहा है। प्रशासन भी लॉकडाउन की सफलता को ले जी जान से जुटा है। बावजूद लोगों की चिताएं भी तो जायज ही हैं।

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