समान वेतन प्रणाली लागू करे सरकार, अन्यथा जारी रहेगा आंदोलन
सुपौल। आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में सेविका-सहायिका द्वारा अपनी 15 सूत्री मांगो
सुपौल। आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में सेविका-सहायिका द्वारा अपनी 15 सूत्री मांगों के समर्थन में 5 दिसंबर से केंद्रों को बंद रखकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं। मंगलवार को सेविका-सहायिकाओं ने बाल विकास परियोजना के कार्यालय पर पहुंचकर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन का आयोजन कर सरकार की संवेदनहीनता के विरुद्ध अपने आक्रोश का इजहार किया। साथ ही मांगों के समर्थन में अंचलाधिकारी सह बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अबु नसर को मांग पत्र सौंपा। प्रखंड अध्यक्ष निर्मला कुमारी की अध्यक्षता में आयोजित धरना में सेविका-सहायिका ने एकजुटता का परिचय देते हुए हिस्सा लिया। प्रखंड उपाध्यक्ष बबीता कुमारी, कोषाध्यक्ष कुमारी सोनी, सचिव नजहत जहां, संगीता कुमारी, रंजीता कुमारी, ¨बदु कुमारी, रंजू कुमारी, सुमिधा देवी, मंजू देवी, विभा भारती व अन्य सेविकाओं ने कार्यक्रम के इस दौरान कहा कि जब तक सरकार द्वारा उनकी मांगों सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, गोवा, तेलंगना व अन्य राज्यों की तर्ज पर सुविधा बहाल करने, समान काम के लिए समान वेतन प्रणाली लागू करने, जब तक सेविका व सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता है, सेविका को 18000 व सहायिका को 12000 रुपया मासिक मानदेय देने आदि मांगों को सरकार मान नहीं लेती तब तक वह सभी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर ना सिर्फ डटे रहेंगे बल्कि सड़क पर भी उतरने से बाज नहीं आएंगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि सरकार हम सबों के साथ छल करती आ रही है। अबकी बार हम सबों की चट्टानी एकता सरकार के द्वारा किए जाने वाले छल को कामयाब नहीं होने देंगे। हड़ताल की वजह से सभी केंद्रों पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 0-5 आयु वर्ष के बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा देने सहित टीकाकरण, पोषाहार वितरण आदि का कार्य प्रभावित हो रहा है।