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बिहार का शोक कोसी नदी क्यों बन जाती है भयावह.. चूहे भी हैं जिम्मेदार, जानिए

बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी हर साल तबाही मचाती है। इसकी बदलती धारा को रोकना आसान नहीं। कोसी में उफान की एक वजह गाद है और दूसरी वजह चूहे हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 11:11 AM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 11:50 PM (IST)
बिहार का शोक कोसी नदी क्यों बन जाती है भयावह.. चूहे भी हैं जिम्मेदार, जानिए
बिहार का शोक कोसी नदी क्यों बन जाती है भयावह.. चूहे भी हैं जिम्मेदार, जानिए

सुपौल [भरत कुमार झा]। अपनी आक्रामकता के लिए विख्यात कोसी को सीमाओं में बांधना आसान नहीं। इसी का परिणाम है कि तटबंधों के बीच बांधने के बावजूद कोसी ने समय-समय पर सीमाएं लांघीं और जमकर कहर बरपाया। इसके कहर को रोकने के लिए तटबंध तो बनाए गए, लेकिन नदी की पेटी में जमा गाद बहाव में रुकावट पैदा कर आपदा का कारण बनती रही है। रही-सही कसर तटबंधों को कतरने वाले चूहे पूरे करते रहे हैं।  

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कोसी नदी हिमालय पर्वतमाला में 7000 मीटर की ऊंचाई से अपनी यात्रा शुरू करती है। दुनिया का सबसे ऊंचा शिखर माउंट एवरेस्ट तथा कंचनजंघा जैसी पर्वत मालाएं कोसी के जल ग्रहण क्षेत्र में आती हैं। नेपाल में इसे सप्तकोसी के नाम से जाना जाता है।

इन्द्रावती, सुन कोसी, भोट कोसी, तांबा कोसी, लिक्षु कोसी, दूध कोसी, अरुण कोसी व तामर कोसी के सम्मिलित प्रवाह से यह निर्मित होती है। कोसी का कुल जलग्रहण क्षेत्र 74,030 वर्ग किमी है। इसका मात्र 11,410 वर्ग किमी क्षेत्र भारत में तथा बाकी 62,620 वर्ग किमी नेपाल अथवा तिब्बत में पड़ता है। 

बहाव में रुकावट डालती है गाद  

सिंचाई आयोग, बिहार द्वारा पूर्व में दी गई रिपोर्ट के अनुसार नदी के प्रवाह में 924.8 लाख घनमीटर शिल्ट हर साल गुजरती है। यही गाद कोसी की सबसे बड़ी समस्या है। नदी की पेटी में जमा गाद अगले वर्ष नदी के बहाव में रुकावट पैदा करने लगती है।

नदी का पानी इसी गाद को काटकर अपना रास्ता बनाने लगता है और नदी की धारा बदल जाती है। यह सदियों से होता आया है। इसी का नतीजा है कि कोसी पूर्व में हर साल कहीं न कहीं तबाही मचाती रही है। 

बाढ़ रोकने को बनाए गए तटबंध

बाढ़ रोकने के लिए तटबंधों का नुस्खा अपनाया गया, लेकिन यहां नदी द्वारा गाद लाने और भूमि निर्माण किए जाने की प्रकृति बाधक बनने लगी। बांध जहां पानी का फैलाव रोकने लगा, मिट्टी और गाद का भी फैलाव रुका। नदी की तलहटी ऊंची होने लगी।

यही नदी का उठता तल और बदलती धारा तटबंधों के टूटने का कारण बनने लगी। चूहे अथवा अन्य जानवरों द्वारा मिट्टी के बांध में बिल बना लेने से उसमें जब पानी प्रवेश कर जाता है तो रिसाव होने लगता है और धीरे-धीरे नदी बांध को तोड़ देती है। ऐसा नहीं कि इन मुद्दों पर किसी की नजर नहीं गई अथवा इन मुद्दों पर कभी बहस नहीं हुई, लेकिन कोसी की बाढ़ की समस्या और इसका निदान शोध का विषय है। 


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