खुले में बिकता खानपान का सामान बीमारियों को आमंत्रण
संवाद सूत्र सरायगढ़ (सुपौल) सड़क किनारे जगह-जगह खुले में बिक रहे खाने-पीने के सामान बी
संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल): सड़क किनारे जगह-जगह खुले में बिक रहे खाने-पीने के सामान बीमारियों को आमंत्रण दे रहे हैं। सड़क किनारे खोमचे में बिक रही लिट्टी, सिघाड़ा, कचरी, मिठाई नाश्ता आदि खाना बीमारी को आमंत्रित करने जैसा है। सड़क से दिनभर में सैकड़ों गाड़ियां चलती है। उन गाड़ियों के आते-जाते जितनी धूल उड़ती है वह बगल में रखे सामानों पर ही गिरती है।
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सड़क किनारे लगी रहती है ऐसी दुकानों की कतार
लोग होटलों-दुकानों के अंदर खाने के सामान लेने के बजाय सड़क किनारे खुले में बिक रहे मिठाई, पकौड़ी, कचरी, मुरही, बादाम, बिस्कुट, जलेबी आदि खरीदना पसंद करते हैं। अंजाम से अंजान लोग ना तो खुद को ऐसे सामान के प्रयोग से रोक पाते हैं और ना ही दुकानदारों को कुछ कहते हैं। भपटियाही बाजार में तो शिव मंदिर चौक से नेशनल हाइवे के ढाला तथा थाना रोड में प्राय: हर दिन खुले में सामान बेचने वालों की कतार लगी रहती है। अधिकांश दुकानदार अपनी दुकान के अंदर मिठाई सहित खाने का अन्य सामान को रखना पसंद नहीं करते क्योंकि वहां तक खरीदार जाना भी नहीं चाहते हैं। खाने वालों को आकर्षित करने के लिए दुकानदार सड़क के किनारे ऐसे सामान को खुले बर्तन में रखे रहते हैं ताकि लोगों की नजर उस पर पड़े।
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नहीं होती है कभी जांच
भपटियाही बाजार सहित आसपास के चौक-चौराहों पर जहां लोग खाने के सामान को खुले में बेचते रहते हैं उसकी जांच नहीं होती है। यहां तक कि होटलों में भी कभी संबंधित पदाधिकारी नहीं पहुंचते जहां शुद्ध भोजन नहीं मिलने को लेकर बार-बार सवाल खड़ा होता रहता है। क्षेत्र के कुछ जानकार बताते हैं कि जिस तरह से सरकार ने शराबबंदी कानून लागू किया। लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता अभियान की शुरुआत कर घर-घर शौचालय बनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया और इसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आया। उसी तरह सड़क किनारे या दुकानों में खुले रूप से बेचे जा रहे खाने के सामान पर तत्काल शिकंजा कसा जाना चाहिए। ऐसा होने से जाने-अनजाने में खुद अपनी मौत को आमंत्रण दे रहे लोग गंभीर परेशानियों से बच सकेंगे।