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ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड:::::अस्तित्व बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहा मध्य विद्यालय प्रतापगंज

संवाद सूत्र प्रतापगंज (सुपौल) देश की आजादी से पूर्व 1941 में स्थापित मध्य विद्यालय प्रतापगंज खुद का अ

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 11:56 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 11:56 PM (IST)
ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड:::::अस्तित्व बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहा मध्य विद्यालय प्रतापगंज
ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड:::::अस्तित्व बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहा मध्य विद्यालय प्रतापगंज

संवाद सूत्र, प्रतापगंज (सुपौल) : देश की आजादी से पूर्व 1941 में स्थापित मध्य विद्यालय प्रतापगंज खुद का अस्तित्व बचाने को ले जद्दोजहद करता दिख रहा है। इसका मूल भवन वर्षों पूर्व जर्जर हो चुका है। नतीजा है कि सर्व शिक्षा अभियान के तहत अतिरिक्त स्थल पर बनाए गए कुछ कमरों में ही पठन-पाठन सहित विद्यालय से संबंधित कार्य किए जाते हैं।

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भवन निर्माण की दिशा में नहीं हुई पहल

जब विद्यालयों की कमी थी और लोगों को शिक्षा के लिए काफी दूर जाना पड़ता था उस समय विद्यालय के अभाव में लोग शिक्षा से वंचित रह जाते थे। इस आवश्यकता को देखते हुए क्षेत्रीय जमीन दाताओं में से हरि प्रसाद बिराजी, सूरजमल पारख व असर्फी महतो ने पांच एकड़ जमीन दान में देकर विद्यालय भवन का निर्माण भी करवाया था। उस वक्त यह विद्यालय ब्यॉयज मिड्ल स्कूल के नाम से जाना जाता था। विद्यालय का मूल भवन कुल वर्ष पूर्व आंधी की चपेट में आने से पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। विभाग का इस ओर बारंबार ध्यान आकृष्ट कराने के बावजूद आज तक कोई ठोस पहल नहीं की जा सकी। भवन निर्माण नहीं हो सका। परिणामस्वरूप सर्व शिक्षा अभियान के तहत अतिरिक्त स्थल पर बनाए गए कुछ कमरों में ही विद्यालय के पठन-पाठन सहित विद्यालय से संबंधित कार्य किए जाते हैं। विद्यालय के पास सभी मूलभूत सुविधाएं, चाहरदीवारी, खेल ग्राउंड, बड़ा तालाब, सैकड़ों की संख्या में फलदार पेड़ भी उपलब्ध हैं। ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड के तहत जब मंगलवार को उक्त विद्यालय का जायजा लिया गया तो विद्यालय में 6, 7 व 8वीं कक्षा के 245 छात्रों के नामांकन की बात बताई गई। विद्यालय में सभी शिक्षक भी मौजूद थे।

बोले विद्यालय प्रधान

विद्यालय प्रधान राजेश चौधरी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सरकार के निर्देश पर बच्चे स्कूल नहीं आते हैं। प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश लोग बताते हैं कि उनका पठन-पाठन उसी विद्यालय से हुआ है। विद्यालय की जमीन पर बीआरसी भवन, सभागार, प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र आदि का निर्माण तो किया गया लेकिन विद्यालय के मूल भवन के निर्माण की अनदेखी की जा रही है।


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