मुंबई में धाक जमा रहा सहरसा का बेटा
सहरसा। यदि सपने को पूरा करने की जिद हो तो साधारण सा व्यक्ति भी असाधारण काम कर लेता है।
सहरसा। यदि सपने को पूरा करने की जिद हो तो साधारण सा व्यक्ति भी असाधारण काम कर लेता है। सपनों को पूरा करने की उसकी जिद में आज वो ¨हदी फिल्म इंड्रस्ट्री में प्रोड्यूसर बन गया। बिहार के छोटे से जिले सहरसा का एक लड़का आज अपने हुनर के दम पर मुंबई की मायानगरी में धमाल मचा रहा है।
सहरसा कायस्थ टोला निवासी शिक्षक रणधीर कुमार सिन्हा के पुत्र अमृत सिन्हा ने रूपहले पर्दे पर छाने का सपना बचपन में ही देखा था। जिला स्कूल सहरसा दसवीं एवं सहरसा कॉलेज में इंटर की पढ़ाई के दौरान ही वो अपने दोस्तों की फिल्मों की बात करते थे। इंटर करने के बाद बीटेक करने के लिए वो दिल्ली भेजा गया, लेकिन उसे खुली आंखों में भी फिल्मों के सपने आते थे। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने थियेटर से शुरुआत की। थियेटर में काम की बारीकी सीखने के बाद फिल्मों में हाथ आजमने की सोच इसके बाद मायानगरी का रुख किया। यहां दो साल पहले उन्होंने तनय फिल्म्स इंटरनेशनल नाम से अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू किया। सोच थी खुद के साथ-साथ वैसे लोगों को स्थापित करने की जो सालों बाद भी रुपहले पर्दे पर नहीं आ पाते हैं। फिलहाल फेरस नामक दो घंटे की क्राइम ड्रामा के निर्माण में जुटे हैं। शौर्य ¨सह के निर्देशन में बनने वाली इस फिल्म में चर्चित अभिनेता विजय राज, जाकिर हुसैन, गोपाल ¨सह, विक्रमजीत, पंकज झा, राहुल ¨सहा, दियांश शर्मा व मीरा जोशी निभा रहे हैं।
फिल्म फेस्टिवल में चर्चा में रहते हैं अमृत
कई डाक्यूमेंट्री फिल्में कर चुके अमृत की चर्चा फिल्म फेस्टिवल में होती रही है। यहां तक कि कई अवार्ड उनकी फिल्मों ने जीता है। वो बताते हैं कि वर्ष 2017 में फेस्टिवल अवार्ड बेस्ट फिल्म की श्रेणी में अमृत की फिल्म एक शाल देट बीट्स नामिनेट हुई थी। इसमें उनके साथ आनंद दास गुप्ता निर्देशक थे। इसके बाद मियामी इंटरनेशनल शार्ट फिल्म फेस्टिवल में भी यह फिल्म सेमीफाइनल तक पहुंची थी। इसी वर्ष अमृत की फिल्म रक्त प्रदाता जीवन दाता रियल टाइम फिल्म फेस्टिवल के जूरी प्राइज बेस्ट डाक्यूमेंट्री के रूप में पुरस्कृत किया गया था।