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बारिश से धान की फसल को को फायदा

सुपौल। बारिश के अभाव में प्रभावित हो रही धान की फबारिश के अभाव में प्रभावित हो रही धान की फसल को सोमवार को हुई बारिश ने फायदा पहुंचाया है। इससे किसानों ने राहत की सांस ली है। किसानों का कहना है कि जिन धान की बालियां निकलने वाली है वह बारिश की वजह से जल्द निकल आएंगी शेष फसल को भी लाभ मिलेगा। बारिश के अभाव में प्रभावित हो रही धान की फसल को सोमवार को हुई बारिश ने फायदा पहुंचाया है। इससे किसानों ने राहत की सांस ली है। किसानों का कहना है कि जिन धान की बालियां निकलने वाली है वह बारिश की वजह से जल्द निकल आएंगी शेष फसल को भी लाभ मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Sep 2020 09:22 PM (IST)Updated: Mon, 14 Sep 2020 09:22 PM (IST)
बारिश से धान की फसल को को फायदा
बारिश से धान की फसल को को फायदा

सुपौल। बारिश के अभाव में प्रभावित हो रही धान की फसल को सोमवार को हुई बारिश ने फायदा पहुंचाया है। इससे किसानों ने राहत की सांस ली है। किसानों का कहना है कि जिन धान की बालियां निकलने वाली है वह बारिश की वजह से जल्द निकल आएंगी शेष फसल को भी लाभ मिलेगा।

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इस साल बारिश के शुरुआती दिनों में अत्यधिक बारिश होने से फसल गलने लगी थी। बाद के दिनों में जब धान को पानी की अधिक आवश्यकता होती है तो बारिश का होना बंद हो गया। इससे किसानों की चिता बढ़ चली है। बारिश कम होने से खेतों में खर-पतवार में वृद्धि होने लगी। किसान जगदीश मंडल, लाल मंडल, अशोक यादव, जगदेव मंडल आदि का कहना है कि धान में पानी की अधिक आवश्यकता होती है। इसमें बारिश का पानी अधिक फायदेमंद होता है। पंपसेट या नहर के पानी से पौधों की धुलाई नहीं हो पाती है जबकि बारिश के पानी से पौधों की धुलाई हो जाती है। खेतों में पानी जमे रहने से घास निकलने की संभावना नहीं रहती जबकि सूखे खेतों में घास अधिक निकलते हैं। इन सबके अतिरिक्त इसबार धान की फसल पर कीड़ों का भी प्रकोप देखा जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक इसपर कीटनाशक के छिड़काव की सलाह देते हैं। किसानों का कहना है कि बारिश कम होने की वजह से भी फसल पर कीड़ों का प्रकोप बढ़ा है। बारिश होने पर पौधों की धुलाई होने से कीड़े भी पानी बह जाते हैं जिससे फसल को राहत मिलती है। इस साल बारिश कम होने की वजह से इनका प्रकोप भी बढ़ा हुआ है। दूसरी ओर हुई बारिश से खुश हुए किसान बताते हैं कि इससे खासकर बाली निकलने वाली धान की फसल को काफी फायदा हुआ है। अब बालियां जल्द निकल आएगी। अगर बारिश नहीं होती तो बालियों के निकलने में कठिनाई होती और जिसे किसानी की भाषा धान का बौक हो जाना कहते हैं। किसानों ने बताया कि आजकल किसान अगतिया धान की खेती अधिक करते हैं। निसंदेह यह बारिश उन्हें फायदा पहुंचाएगी।

इधर एक सप्ताह से छिटपुट बारिश को छोड़ दें तो जमकर बारिश नहीं हुई है। या तो आसमान में बादल उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं या फिर तेज धूप चमकती रहती है।


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