बारिश ने गेहूं को पहुंचाया फायदा, आलू पर आघात
सुपौल। गुरुवार की रात से ही अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। बारिश ने एक ओर भले ही ठंड बढ
सुपौल। गुरुवार की रात से ही अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। बारिश ने एक ओर भले ही ठंड बढ़ा दी लेकिन वहीं किसानों के जान में जान ला दी है। भले ही शुक्रवार को बाजार पर इसका बुरा असर पड़ा और कई पूर्व निर्धारित कार्यक्रम बाधित हुए लेकिन बारिश से किसानों के चेहरे की चमक बढ़ गई है। पछता किस्म के आलू फसल को छोड़ दें तो बाकी सभी फसलों के लिए इस बारिश ने अमृत बरसाया है। जहां मौसम की बेरुखी से किसान रबी फसल को लेकर ¨चतित थे वहीं कम बारिश होने से किसानों को फसल बचाने में भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी। जिससे ¨सचाई पर अतिरिक्त खर्च उन्हें वहन करना पड़ता था। फसल की लागत तो बढ़ ही रही थी लेकिन पैदावार होने की ¨चता उन्हें सताए जा रही थी। लेकिन गुरुवार को हो रही बारिश ने किसानों की इन ¨चता को काफी हद तक दूर कर दी है। किसानों की माने तो रबी मौसम में गेहूं फसल की अच्छी पैदावार के लिए मौसम का ठंडा रहना अति आवश्यक है। लेकिन इस बार कम ठंड पड़ने के कारण इसका सीधा असर उसके पैदावार पर पड़ता। लेकिन वर्षा ने तत्काल लागत को कम करने के साथ-साथ पैदावार की उम्मीद भी बढ़ा दी है। फिलहाल बारिश ने रबी फसल की बेहतर पैदावार की उम्मीद जगा दी है। अन्य फसलों के लिए बेहतर कृषि वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार की माने तो गुरुवार से हो रही बारिश पछता किस्म के आलू के लिए घातक होगी। इनके अनुसार वर्षा के कारण तापमान में आई गिरावट से आलू में झुलसा रोग होने की संभावना बढ़ चली है। अगर 48 घंटा ऐसा ही रहा तो फिर आलू की फसल किसानों को आंसू के से सिवा कुछ नहीं मिलेगा। वहीं अन्य फसल जैसे गेहूं, मक्का, सरसों, आम, सूर्यमुखी आदि फसलों के लिए बारिश ने किसानों के लिए सौगात लेकर आई है। यूं कहें कि यह बारिश नहीं बल्कि किसानों के लिए सोना बनकर आसमान से गिरा है। निश्चित ही इस बार इससे इन फसलों को काफी फायदा होगा। खासकर गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए मौसम का तापमान कम रहना अति आवश्यक है। उस ²ष्टिकोण से वर्षा काफी उपयोगी साबित होगी। बारिश से ¨सचाई पर होने वाले खर्च जहां कम होंगे वहीं पौधों में क्लोरोफिल की मात्रा भी बढ़ेगी। निश्चित ही यह दोनों चीज किसानों के लिए फायदेमंद होगा। फिलहाल गुरुवार की रात से शुरू हुई बारिश शुक्रवार के दिन भी होती रही।