भगैत महासम्मेलन का ध्वजारोहन
सुपौल। प्रखंड अंतर्गत लहरनिया ग्राम में बसंत पंचमी व सरस्वती पूजा के अवसर पर रविवार को 56 वां
सुपौल। प्रखंड अंतर्गत लहरनिया ग्राम में बसंत पंचमी व सरस्वती पूजा के अवसर पर रविवार को 56 वां वार्षिक अधिवेशन-सह-जिला स्तरीय लोकगाथा भगैत महासम्मेलन का महाध्वजारोहण विधि-विधान पूर्वक किया गया। आयोजित सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय लोकगाथा भगैत महासभा के प्रवक्ता डॉ. अमन कुमार ने कहा कि संस्कृति ही किसी समाज और देश का प्राण है। भारतीय संस्कृति कर्म प्रधान संस्कृति है। भगैत भारतीय संस्कृति व सभ्यता का सबसे बड़ा दर्शन है। भारतीय सभ्यता संस्कृति में भगैत कण-कण में समाहित है। लोकगाथा भगैत समाज की किसी वर्ग, धर्म, जाति या व्यक्ति विशेष से संबंधित नहीं है बल्कि सम्पूर्ण समाज की धरोहर है। भगैत जन-जन की मूलभूत पूंजी है। जिसके आधार पर साहित्य, संस्कृति व महापुरुषों के इतिहास एवं विचारों की जानकारी मिलती है। भगैत सांप्रदायिक सौहार्द का सबसे बड़ा उदाहरण है। भगैत कोशी और मिथिलांचल के जन-जन में समाया हुआ है। भगैत भारतीय संस्कृति और सभ्यता की सर्वोतम प्रहरी है। समाज में जन-चेतना के ²ष्टिकोण से भगैत सबसे बड़ा सामाजिक व धार्मिक आन्दोलन है। भगैत सामाजिक शुद्धता एवं धर्मनिरपेक्षता के लिए वरदान साबित हुई है।कहा कि लोकगाथा भगैत व धर्म के सबसे बड़े महानायक बाबा धर्मराज हैं। बाबा धर्मराज कई नामों से जाने जाते हैं। यमलोक के मालिक होने के नाते इसे यमराज भी कहते हैं। यमराज भगवान को दक्षिण दिशा के दिकपाल और मृत्यु के देवता भी कहे जाते है। जिसकी कथा सुनने मात्र से प्राणी सभी पापों से मुक्त हो जाते हैं। धर्मराज की कथा सुनने,-सुनाने और अमल करने के बाद इंसान सीधे स्वर्ग जाते हैं। जीवधारी के बीच पूजनीय हो जाते हैं।
अखिल भारतीय भ्रमणशील धर्म यज्ञ भगैत महासभा के उपमहन्त यागेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि बाबा बेनी पनियार के स्मरण मात्र से माल-मवेशी के संकट दूर हो जाते है। वहीं अन्दु पनियार के स्मरण मात्र से कुल खानदान सदैव हरा-भरा रहता है। उदय साह पनियार के स्मरण करने से शरीर ऊर्जान्वित और प्रकाशमान बना रहता है। खेदन महाराज का स्मरण करने से संकट की घड़ी में तत्क्षण संकट दूर हो जाती है। संत कारू खिरहरी का पूजा अर्चना करने से माल मवेशी निरोग और मानव का कल्याण होता है। आचार्य रामजी दास ने कहा कि भगैत गांव-घर की बोलचाल की भाषा में धर्म और न्याय प्रचार का बेहतर माध्यम है। इस पर अमल कर साधारण से साधारण मनुष्य भी बेहतर और खुशहाल जीवन जी सकता है। महासभा को उप महंथ जागेश्वर प्रसाद यादव, प्रो. नरेन्द्र ¨सह यादव, सभापति ब्रह्मदेव यादव, मालाधारी डोमी यादव, महामंत्री कुशुमलाल यादव, सचिव सत्यनारायण यादव, कोषाध्यक्ष धनिकलाल यादव, कार्यालय प्रभारी सिकेंद्र यादव, मंत्री देव नारायण यादव, मासिक सभापति डोमी यादव, उमेश यादव, डोमी यादव, अनंत यादव, कर्पूरी यादव,देव नारायण यादव, मुखिया वनदेल पासवान, सरपंच ललन सरदार, पूर्व मुखिया सोनेलाल कामत,परमानंद कुमार पप्पू, अजय कुमार, शत्रुधन यादव, रामजी यादव, योगेन्द्र यादव, कमल यादव, म¨हद्र यादव, योगेश्वर यादव, शिबराम यादव, सिकेंद्र यादव, जयप्रकाश यादव, भुवनेश्वरी यादव, कारी यादव. गजेन्द्र यादव, राजू यादव, परमानन्द कुमार पप्पू, संतोष कुमार, विजेन्द्र प्रसाद यादव, तिलकेश्वर यादव ,राजेन्द सरदार, बालकृष्ण यादव आदि उपस्थित थे।