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पोषण वाटिका को लेकर दिया गया प्रशिक्षण

सुपौल। कृषि विज्ञान केन्द्र में आंगनबाड़ी सेविका एवं कृषि विज्ञान केन्द्र में आंगनबाड़ी सेविका एवं जीविका दीदी के लिए पोषण वाटिका विषय पर जागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 10:30 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 05:15 AM (IST)
पोषण वाटिका को लेकर दिया गया प्रशिक्षण
पोषण वाटिका को लेकर दिया गया प्रशिक्षण

सुपौल। कृषि विज्ञान केन्द्र में आंगनबाड़ी सेविका एवं जीविका दीदी के लिए पोषण वाटिका विषय पर जागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रखंड प्रमुख चंदा देवी, केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान ई प्रमोद कुमार चौधरी, सहायक निदेशक उद्यान आकाश कुमार तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी सुभाष कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में वरीय वैज्ञानिक के द्वारा पोषण से संबंधित तीन मॉड्यूल के बारे में बताया गया। सबसे पहले पोषण वाटिका का निर्माण, जिसमें मौसमी सब्जी-फल के पौधों को लगाना। दूसरा न्यूट्री थाली, जिसमें भोजन की थाली में संतुलित पोषण युक्त खाद व्यंजन का समावेश करना तथा तीसरा बायो फोर्टीफाइड कृषि उत्पाद का विकास एवं उपयोग। प्रमुख ने सभी से कुपोषण से प्रभावशाली तरीके से लड़ने का आह्वान किया तथा वैज्ञानिक के बताए मार्ग को सभी से अपनाने को कहा। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कुपोषण से होने वाली समस्याओं जैसे बच्चो में पूर्ण शारीरिक एवं मानसिक विकास का अभाव तथा इससे समाज एवं परिवार में होने वाले कठिनाईयों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। फसल वैज्ञानिक डॉ मनोज कुमार तथा मत्स्य वैज्ञानिक ज्ञानचंद ने संतुलित आहार में उपयुक्त पोषणयुक्त अन्न, फल, सब्जी तथा मछली का सेवन करने पर जोर दिया। मांसाहारी के लिए मछली प्रोटीन का एक मुख्य स्त्रोत है। कोशी क्षेत्र में स्थानीय मछली बहुत ही स्वादिष्ट होता है।

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