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अधिक मास समाप्त, शारदीय नवरात्र प्रारंभ

-मंदिरों में कलशस्थापन की तैयारियों को दिया गया अंतिम रूप जागरण संवाददाता सुपौल शुक्रवार

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Oct 2020 05:05 PM (IST)Updated: Fri, 16 Oct 2020 05:05 PM (IST)
अधिक मास समाप्त, शारदीय नवरात्र प्रारंभ
अधिक मास समाप्त, शारदीय नवरात्र प्रारंभ

-मंदिरों में कलशस्थापन की तैयारियों को दिया गया अंतिम रूप

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जागरण संवाददाता, सुपौल : शुक्रवार को अधिक मास की समाप्ति के बाद शनिवार से शारदीय नवरात्र प्रारंभ होगा। इसको लेकर मंदिरों में कलशस्थापन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। बाजार में कलश, नारियल, फल व पूजन की सामग्री की जमकर बिक्री हुई। पहले दिन महिषासुरमर्दनी माता जगदंबा के शैलपुत्री रूप की पूजा होगी।

------------------------------------------ कलश स्थापन का मूहुर्त

आचार्य धर्मेंद्र नाथ मिश्र के अनुसार इस बार अमृत योग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग में कलशस्थापन होने से सभी तरह की मनोरथों की प्राप्ति होगी। शनिवार को प्रतिपदा तिथि दिन के 2 बजकर 33 मिनट तक है, जो अमृत योग प्रदान करता है तथा 2 बजकर 33 मिनट के उपरांत स्वाति नक्षत्र योग होने से सर्वार्थ सिद्धि योग है, जो विशिष्ट योग उत्पन्न करता है।

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कलश व नारियल की हुई बिक्री

कलशस्थापन के लिए कलश व नारियल की बाजार में बिक्री हुई। कलश के विक्रेता कोसी रोड निवासी प्रभु पंडित बताते हैं कि अन्य साल की तरह ही कलश की बिक्री हुई। बताया कि 20 रुपये प्रति कलश की बिक्री हुई। इसी तरह एक रुपये दीप तथा 10 रुपये धूपदानी बिकी। पूजा के संबंध में कोरोना को लेकर जारी दिशा-निर्देश को देखते हुए जब बिक्री के संबंध में उनसे पूछा गया तो कहा कि बिक्री में कोई अंतर नहीं दिखा। जिस तरह पिछले साल बिक्री हुई थी उसी तरह बिक्री इस साल भी हुई है।

---------------------------------------- शहर के प्रमुख मंदिर

शहर के दो मंदिरों गोढि़यारी दुर्गा मंदिर और माल गोदाम दुर्गा मंदिर मंदिरों में प्रतिमा स्थापित देवी दुर्गा की पूजा की जाती है। गांधी मैदान दुर्गा मंदिर में भी हर साल प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती थी लेकिन यहां इस साल देवी भगवती सहित अन्य देवी-देवताओं की संगमरमर की प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां स्थायी शेड भी बनाया गया है।

--------------------------------- तिथिवार पूजा

17 अक्टूबर-कलशस्थापन

18 अक्टूबर-रेमंत पूजा

22 अक्टूबर-विल्वाभिमंत्रणम (बेलनोती)

23 अक्टूबर-23 नवपत्रिका प्रवेश एवं महारात्रि निशापूजा

24 अक्टूबर- महाष्टमी व्रत

25 अक्टूबर-महानवमी व्रत

26 अक्टूबर- विजयादशमी


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