पैर में तिल व गर्भवती होने की बात सुन धोखा खा गये थे सोनिया के माता-पति
सुपौल: यह संयोग ही कहें कि 26 मई की सुबह सदर थाना क्षेत्र के बसबिट्टी व तेलवा गांव की सीमा
सुपौल: यह संयोग ही कहें कि 26 मई की सुबह सदर थाना क्षेत्र के बसबिट्टी व तेलवा गांव की सीमा पर मूंग के खेत में जिस विवाहिता की लाश पुलिस द्वारा बरामद की गई थी उसकी कई चीजें सोनिया से मिलती-जुलती थी। यही कारण है कि सोनिया के माता-पिता अपनी बेटी को पहचानने में धोखा खा गए और उसके पति, सास व ससुर को जेल गुजारनी पड़ रही है। मालूम हो कि सोनिया की हत्या के मामले में जहां उसकी सास कई माह जेल में रहकर आई है वहीं उसके पति व ससुर अब भी जेल में है। सोनिया के आने के बाद अब उसके ससुराल वालों को कानूनी पचड़े से निजात मिल पाएगी। सोनिया के अपने बच्चे व सास के साथ सदर थाने में पहुंचने व आपबीती सुनाने के बाद पुलिस राघोपुर थाना के कोरियापट्टी गांव से उसके माता-पिता को बुलवाया जिसने उसे उसकी बेटी सोनिया होने की पुष्टि की।
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लाश का चेहर था क्षतविक्षत
सदर थाना क्षेत्र के बसबिट्टी व तेलवा गांव की सीमा पर स्थित खेत से जब पुलिस द्वारा लाश लाई गई थी तब उस लाश का चेहरा काफी क्षतविक्षत था। अखबार में छपी खबर पढ़ सोनिया के माता-पिता सदर थाना पहुंचे और लाश देखने पुलिस के साथ हो लिए। लाश का चेहरा काफी क्षतविक्षत होने के चलते सही-सही तो पता नहीं चल पाया। उन लोगों ने पुलिस को बताया कि सोनिया के पैर पर तिल है और जब लाश के पैर को देखा तो उस पर भी तिल था। इतना ही नहीं सोनिया जब घर से निकली थी वह गर्भवती थी और लाश के बारे में भी गर्भवती होने की बात बतायी गई। इसलिए ऐसा लगा कि यह सोनिया की लाश है। वैसे क्षतविक्षत होने के बाद भी लाश का चेहरा सोनिया के चेहरा से कुछ-कुछ मिलता था। इतना ही नहीं लाश का रंग व लंबाई भी करीब-करीब सोनिया के बराबर ही था।
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पति को था पूरा भरोसा
राघोपुर थाना क्षेत्र के कोरियापट्टी निवासी जनार्दन पासवान द्वारा दहेज हत्या का मामला दर्ज कराने के बाद जब पुलिस सोनिया के पति राघोपुर थाना क्षेत्र के बैरदह गांव निवासी रंजीत पासवान को गिरफ्तार की थी तब वह बारबार पुलिस को यही कह रहा था कि वह लाश उसकी पत्नी की नहीं है, वह एक दिन जरुर लौटकर आएगी। लेकिन उस समय उसकी किसी ने नहीं सुनी। सोनिया जब सदर थाना आई तो पुलिस उसे उसके नैहर भी भेजा जहां उसे देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ लग गई। आस-पड़ोस के गांव के लोग भी उसे देखने उसके घर पहुंच गए थे।