चावल उपलब्ध नहीं, 30 सितंबर तक देनी होगी उपयोगिता
सुपौल। जिले में एमडीएम योजना में एक बार फिर विभाग जिले में एमडीएम योजना में एक बार फिर विभागीय उदासीनता एवं लेट लतीफी का नजारा सामने आया है। कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों का भोजन बंद नहीं हो इसलिए शिक्षा विभाग ने बच्चों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। जिले में एमडीएम योजना में एक बार फिर विभागीय उदासीनता एवं लेट लतीफी का नजारा सामने आया है। कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों का भोजन बंद नहीं हो इसलिए शिक्षा विभाग ने बच्चों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया।
सुपौल। जिले में एमडीएम योजना में एक बार फिर विभागीय उदासीनता एवं लेट लतीफी का नजारा सामने आया है। कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों का भोजन बंद नहीं हो इसलिए शिक्षा विभाग ने बच्चों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया।
इसके तहत अगस्त और सितंबर का चावल बच्चों के अभिभावकों के बीच वितरित कर इसकी उपयोगिता 30 सितंबर तक देने को कहा गया, लेकिन स्थिति है कि अभी तक चावल दिया भी नहीं जा सका है और उपयोगिता जमा करने के लिए महज एक सप्ताह का समय बचा है।
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मार्च से है स्कूल बंद
दरअसल कोरोना को लेकर मार्च ही स्कूलों को बंद कर दिया गया था। सरकार ने बंदी के समय का एमडीएम का चावल वितरण करने का निर्णय लिया। इसके तहत पहले फेज में मई जून-जुलाई का चावल वितरण किया गया। दूसरे फेज में अगस्त और सितंबर का चावल वितरण करने के लिए कहा गया। एक से पांच कक्षा तक के बच्चों को पांच किलोग्राम और 6-8 तक के बच्चों को सात किलोग्राम चावल वितरण करने को कहा गया।
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1739 विद्यालयों में संचालित है एमडीएम
जिले के 1739 प्रारंभिक विद्यालयों में एमडीएम का संचालन किया जाता है, जिसमें कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को दोपहर का पका-पकाया भोजन दिया जाता है। इन 1739 विद्यालय में करीब 3.30 लाख के करीब बच्चे नामांकित हैं। विभागीय जानकारी के मुताबिक किसी भी विद्यालय में पूर्व से चावल उपलब्ध नहीं है। इधर विभाग द्वारा भी अभी तक चावल का आवंटन उपलब्ध नहीं कराया गया है।
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क्या है विभागीय निर्देश
अगस्त और सितंबर के कुल 48 कार्य दिवस के लिए चावल वितरण का निर्देश देते हुए मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक ने कहा है कि कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए 30 सितंबर तक सभी सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय बंद रहेंगे। निर्देशानुसार विद्यालय बंद रहने की स्थिति में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पूर्व माह की तरह अगस्त में और सितंबर में अभिभावकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाना है। दोनों माह के खाद्यान्न वितरण से संबंधित प्रतिवेदन विभाग को हर हाल में 30 सितंबर तक उपलब्ध कराया जाना है। इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन को सतत निगरानी करने का जिम्मा दिया गया था। अब सितंबर बीतने को है लेकिन अभी तक विभाग की ओर से चावल का आवंटन विद्यालय को नहीं किया जा सका है। कोट..
समय से आवंटन नहीं मिलने के कारण चावल का उठाव संभव नहीं हो पाया है। अब आवंटन आ गया है तो विद्यालयवार चावल उपलब्ध कराने की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है। जल्द ही विद्यालयों को चावल आवंटित कर दिया जाएगा।
प्रेम रंजन, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, एमडीएम