शीत भंडार के मोहताज हैं आलू के किसान
फोटो फाइल नंबर-13एसयूपी-9 संवाद सूत्र त्रिवेणीगंज (सुपौल) त्रिवेणीगंज अनुमंडल को आलू का
फोटो फाइल नंबर-13एसयूपी-9 संवाद सूत्र, त्रिवेणीगंज (सुपौल) : त्रिवेणीगंज अनुमंडल को आलू का गढ़ माना जाता है। यहां बड़ी मात्रा में किसान आलू उपजाते हैं। पर आज तक यहां शीत भंडार का निर्माण नहीं हो सका। नतीजतन आलू उत्पादक किसान अपने उत्पाद का बेहतर बाजार मूल्य लेने के लिए इसका भंडारण नहीं कर पाते हैं। उन्हें खेत में ही आलू बेच देना पड़ता है। यूं कहे कि एक अदद शीत भंडार के लिए यहां के किसान मुंहताज हैं।
हालांकि किसानों की परेशानी देख 1995 में शीत भंडार की आधारशिला रखी गई थी। जिसका निर्माण कार्य आज तक शुरू नहीं हो पाया। अब तो कार्य स्थल पर लगे शिलापट तक की स्थिति जर्जर हो गई है और टूटने के कगार पर पहुंच गया है।
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कृषि मंत्री ने रखी थी आधारशिला
शीत भंडार निर्माण के लिए प्रखंड कार्यालय के समीप कृषि फार्म की चार एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी। उक्त कार्य स्थल पर पांच जून 1997 को तत्कालीन कृषि मंत्री रामजीवन सिंह ने कई मंत्रियों एवं विधायकों की मौजूदगी में शीत भंडार का भूमिपूजन व शिलान्यास किया था। उन्होंने कहा था कि इसके निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने से क्षेत्र के किसानों का आर्थिक विकास होगा।
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भूमि पूजन के ये भी बने थे गवाह
शीत भंडार निर्माण के भूमि पूजन व शिलान्यास के मौके पर पूर्व मंत्री अनूप लाल मंडल, केंद्रीय भंडारण नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. सुरेंद्र प्रसाद मंडल, वाणिज्य प्रबंधक अजय खेड़ा, क्षेत्रीय प्रबंधक अरविद चौधरी एवं अधिशासी अभियंता आनंद मोहन शर्मा भी इस कार्यक्रम के गवाह बने थे।
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साइकिल, मोटर साइकिल से बाजार पहुंचाते हैं सब्जियां
प्रखंड मुख्यालय के मचहा, कुशहा, मयुरवा, योगियाचाहा और तितुवाहा आदि ऐसे गांव है जहां गोभी, बैंगन और आलू आदि की खेती बड़े पैमाने की जाती है। यहां किसानों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इन्हें सरकार से तो शिकायत है ही साथ ही उम्मीद भी। इस दिक्कत के बावजूद ये कर्मठ किसान अपनी राह खुद गढ़ लेते हैं। इन गांवों के सब्जी उत्पादक किसान साइकिल, मोटरसाइकल व अन्य वाहनों पर अपने उत्पाद को लोड कर त्रिवेणीगंज की मंडियों में लाते है। यह काम सूरज के निकलने के पूर्व पूरा हो जाता है। स्थानीय हटिया व नजदीक के बाजार में किसान औने-पौने दाम में सब्जी और आलू बेचने को विवश होते हैं।