करोड़ों के अवैध भुगतान का नहीं हो रहा निदान, राशि से वंचित लाभुक हो रहे परेशान
प्रखंड क्षेत्र में चौक-चौराहे पर खुले में बिकते पेय पदार्थ और खाद्य पदार्थ लोगों को बीमार कर रहे हैं। ऐसे सामग्री का प्रयोग कर लोग डायरिया से पीड़ित होकर अस्तपाल पहुंच रहे हैं। लोगों की सेहत खराब करने वाली चीजें जगह-जगह बेची जा रही हैं। इसके बाद भी खाद्य सामग्री की रोकथाम के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। खाद्य विभाग के अधिकारी भी खानापूर्ति कर चेतावनी से काम चला रहे हैं।
सुपौल। बाढ़ सहायता राशि वितरण मामले में जहां हजारों बाढ़ पीड़ित परिवार राशि से वंचित हैं। वहीं हजारों की संख्या में लोगों को अवैध भुगतान किए गए करोड़ों की राशि वसूली में अनुमंडल प्रशासन परेशान है। विगत अगस्त माह से ही गलत लोगों के खाते में भेजे गए बाढ़ सहायता राशि वसूली नहीं होने के कारण वास्तविक बाढ़ पीड़ित परिवार को राशि नहीं मिल पा रही है। हालांकि अनुमंडल प्रशासन राशि वसूली एवं भुगतान की प्रक्रिया में लगे हुए हैं। बाढ़ सहायता राशि से वंचित परिवार राशि मिलने की आस लगाए हुए है। अधिकारी वंचित पीड़ित परिवारों को जल्द राशि मिलने का आश्वासन दे रहे हैं। आखिर कब तक होगी गलत लोगों के खाते में भेजे गए सरकारी राशि की वसूली एवं वंचित बाढ़ पीड़ित परिवारों को सहायता राशि का भुगतान यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
क्या है मामला मरौना प्रखंड क्षेत्र के कुल 13 पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने जब अपने-अपने पंचायत के बाढ़ पीड़ित परिवारों की सूची डाटा एंट्री केंद्र से प्राप्त किया तो सूची में सैकड़ों लोगों का गलत नाम सूची में दर्ज पाया। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बाढ़ पीड़ित परिवारों की अनुश्रवण समिति से अनुमोदित सूची डाटा एंट्री के लिए प्रशासनिक अधिकारी को दिया गया। ज्ञातव्य हो कि मरौना प्रखंड के कुल 13 पंचायतों के जनप्रतिनिधियों द्वारा 30 हजार 681 बाढ़ पीड़ित परिवारों की सूची डाटा एंट्री के लिए जमा की गई। जबकि 37 हजार 623 बाढ़ पीड़ित परिवारों की डाटा एंट्री किए जाने की सूची प्राप्त हुई है। जो मरौना प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों द्वारा डाटा एंट्री के लिए दिए गए सूची से 6 हजार 942 अधिक है। बचे हुए बाढ़ पीड़ित परिवारों के बैंक खाते में 4 करोड़ 16 लाख 52 हजार रुपये अधिक भुगतान किया गया है।
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महीनों तक चलता रहा डाटा एंट्री का काम मरौना प्रखंड क्षेत्र के कुल 13 पंचायत के बाढ़ पीड़ित परिवारों सूची डाटा एंट्री का कार्य निर्मली प्रखंड मुख्यालय स्थित अभिलेखागार कार्यालय सह डाटा एंट्री भवन में भूमि सुधार उप समाहर्ता अखिलेश्वर प्रसाद वर्मा की देखरेख में विगत कई महीनों तक किया गया। डाटा एंट्री कर रहे कार्यपालक सहायक ने बताया कि आपदा संपुष्टि वेबसाइट के पोर्टल पर पहले से ही कई बाढ़ पीड़ित परिवारों का एंट्री किया हुआ था। हमलोगों के द्वारा प्रशासनिक अधिकारी से जांच किए हुए बाढ़ पीड़ित परिवारों की सूची का डाटा एंट्री किया गया है।
-कोट
वर्ष 2017 के बाढ़ पीड़ित परिवारों की डाटा एंट्री से वर्ष 2019 के बाढ़ पीड़ित परिवारों की डाटा एंट्री मिक्स हो गया है। गलत लोगों के खाते में गए सरकारी राशि की वसूली की प्रक्रिया चल रही है। नोटिस निर्गत किया गया है। कई लोगों के द्वारा राशि जमा भी की गई है। -अखिलेश्वर प्रसाद वर्मा
भूमि सुधार उप समाहर्ता