Move to Jagran APP

सुपौल में दो अस्पतालों को ही मिल पाएगा तीन आक्सीजन प्लांट का लाभ

कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाया कि आक्सीजन को ले देश के विभिन्न भागों में हाय-तौबा मची रही।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 06:42 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 06:42 PM (IST)
सुपौल में दो अस्पतालों को ही मिल पाएगा तीन आक्सीजन प्लांट का लाभ
सुपौल में दो अस्पतालों को ही मिल पाएगा तीन आक्सीजन प्लांट का लाभ

सुपौल। कोरोना की दूसरी लहर ने ऐसा कहर बरपाया कि आक्सीजन को ले देश के विभिन्न भागों में हाय-तौबा मची रही। अब तीसरी लहर की चिता सता रही है। ऐसे में खुशी की बात यह कि सुपौल जिले में तीन आक्सीजन प्लांट के लगने वाले हैं। ये तीनों प्लांट जिले के दो अस्पताल परिसर में ही काम करेंगे। सदर अस्पताल परिसर में डीआरडीओ के सौजन्य से एनएचएआइ द्वारा एक आक्सीजन प्लांट का निर्माण करवाया जा रहा है। सरजमीन पर इसका ढांचा भी खड़ा कर दिया गया है। दूसरा आक्सीजन प्लांट भी इसी अस्पताल परिसर में लगाने का काम शुरू है। यह प्लांट भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एएसएसओसीएचएएम) के सौजन्य से लगाया जा रहा है। वहीं वीरपुर स्थित अस्पताल परिसर में विधायक कोष की राशि से एक प्लांट लगाया जाएगा, जिसका कार्य अभी तक धरातल पर शुरू नहीं हो पाया है। चिता की बात यह है कि दोनों प्लांट में रीफिलिग की व्यवस्था नहीं होने से इसका लाभ इन्हीं दो अस्पतालों को मिल पाएगा। शेष अस्पतालों में व्यवस्था पूर्ववत ही रहेगी।

loksabha election banner

----------------------------------------------------------

नहीं होगी रीफिलिग

तीन-तीन आक्सीजन प्लांट लगने के बावजूद इसका लाभ हर अस्पताल के मरीज को नहीं मिल पाएगा। कारण इस प्लांट में रीफिलिग नहीं होगी। इस प्लांट के बनने के बाद रोगियों को सीधे बेड पर पाइप लाइन के जरिये आक्सीजन की सुविधा दी जाएगी। जब पहले प्लांट का सरजमीन पर ढांचा बन रहा था तब यह बताया गया था कि इस प्लांट में मेनी फोल्ड नामक मशीन लगाने के बाद ही इससे रीफिलिग हो पाएगा। इसके लिए विचार-विमर्श किया जा रहा है, लेकिन अब यह बताया जा रहा है कि रीफिलिग की कागजी प्रक्रिया काफी जटिल है जो फिलहाल संभव नहीं है।

-----------------------------------------------------------

हर किसी को मयस्सर नहीं स्वास्थ्य सेवा

2,420 वर्ग किमी क्षेत्रफल वाले सुपौल जिले की आबादी लगभग 27 लाख है। कोसी प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां का अधिकांश भू-भाग दुरूह क्षेत्र माना जाता है। इस जिले में एक सदर अस्पताल, एक रेफरल अस्पताल, तीन अनुमंडलीय अस्पताल, 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एक राजकीय औषधालय, 21 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं 178 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं। इतना सब कुछ के बावजूद यहां हर किसी को स्वास्थ्य सेवा मयस्सर नहीं है। ऐसे में तीसरी लहर के दौरान हर मरीज को तीनों प्लांट का लाभ कितना मिल पाएगा यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। वैसे फिलहाल इस जिले में 143 आक्सीजन कंसंट्रेटर, 70 डी टाइप सिलेंडर तथा 193 बी टाइप सिलेंडर विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.