Move to Jagran APP

देहरी पार अब भी खड़ी है दीवार

राजनीतिक दलों द्वारा नारी सशक्तीकरण की जितनी भी बातें की जाती हों नारी सम्मान में जितने भी

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 05:22 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 05:22 PM (IST)
देहरी पार अब भी खड़ी है दीवार
देहरी पार अब भी खड़ी है दीवार

राजनीतिक दलों द्वारा नारी सशक्तीकरण की जितनी भी बातें की जाती हों, नारी सम्मान में जितने भी कसीदे गढ़े जाते हों लेकिन चुनाव के समय में महिलाओं के लिए देहरी के पार अब भी दीवार है। इसका जीता-जागता एक उदाहरण है कि सुपौल विधानसभा क्षेत्र के प्रतिनिधित्व का मौका आजतक महिला को नहीं मिला। इस मामले में पार्टियां आज भी उदारता नहीं दिखा पाती हैं और टिकट देने से परहेज करती है। संभव है कि दलों का यह रुख देख महिलाएं भी अपनी सशक्त दावेदारी पेश नहीं कर पाती अन्यथा पंचायतों में तो कई महत्वपूर्ण पदों पर महिलाएं काबिज हैं।

loksabha election banner

----------------------------------------

आधी आबादी है महिलाओं की

जिले में कुल आबादी की लगभग आधी महिलाओं की आबादी है। 27 सितंबर 2020 को प्राप्त आंकड़े के अनुसार सुपौल विधानसभा क्षेत्र को ही लें तो यहां की जनसंख्या 636268 है जिसमें पुरुषों की संख्या 318696 व महिलाओं की संख्या 317564 है। इसी तरह मतदाताओं की कुल संख्या 285155 है जिसमें पुरुष मतदाता 148710 और महिला मतदाता 136439 है। आबादी के लिहाज से महिला और पुरुष का अंतर देखें तो 1132 का है जबकि जबकि मतदाता के अनुसार देखें तो पुरुष मतदाता से महिला मतदाताओं की संख्या 12271 कम है।

------------------------------------------------

वोट डालने में भी पीछे नहीं रहती हैं महिलाएं

एक तो कोसी की विभीषिका के कारण पूर्व से ही जिले के लोग परेशान रहे हैं। उसपर उद्योग-धंधों के अभाव ने गरीबी को बढ़ाने में योगदान दिया। रोजगार के लिए लोगों का अन्य प्रदेशों को जाने का सिलसिला थमने की बजाय बढ़ता ही गया। फिलहाल तो स्थिति पलायन की स्थिति बेहद चिताजनक है। कोविड-19 को लेकर हुए लॉकडाउन में जिस रफ्तार से लोग अपने घरों को लौटे थे उससे तेज रफ्तार में पलायन हो रहा है। रोजाना बसों में भरकर मजदूर अन्य प्रदेशों को जा रहे हैं। पूर्व में भी महिलाएं वोट देने में पीछे नहीं रहीं। 2015 के चुनाव की ही बात करें तो 127942 पुरुष मतदाताओं का 52.25 फीसद और 117762 महिला मतदाताओं में से 47.74 फीसद ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जानकारों के मुताबिक पूर्व से मतदान में पीछे नहीं रहने वाली महिलाओं का मत प्रतिशत इस मतदान में बढ़ने के आसार हैं क्योंकि जिस तरह से पुरुषों का पलायन हो रहा है तो इनका मत प्रतिशत बढ़ने से इन्कार नहीं किया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.