बदहाली काआंसू बहा रहा उप स्वास्थ्य केंद्र रतनपुर
पांच साल यह हाल लोगो लीड खबर फोटो फाइल नंबर-13एसयूपी-4 --------------------- -बहर
पांच साल यह हाल लोगो
लीड खबर फोटो फाइल नंबर-13एसयूपी-4
--------------------- -बहरहाल, उप स्वास्थ्य केंद्र पोषक क्षेत्र के मरीजों का इलाज झोला छाप डॉक्टरों के भरोसे कैच वर्ड : उदासीनता
------
-आर्थिक रूप से लाचार मरीज इलाज के बिना ही तोड़ देते हैं दम
संवाद सूत्र, करजाईन बाजार (सुपौल) : जनप्रतिनिधियों की उदासीनता एवं व्यवस्था की लापरवाही से बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत रतनपुर पंचायत के वार्ड 10 में पुरानी बाजार स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र वर्षो से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। कोरोना के कहर के बीच भी इसकी हालत नहीं सुधरी। कभी व्यवस्था अच्छी थी तो सुबह से शाम तक मरीजों का आना-जाना लगा रहता था।
रतनपुर, बायसी, दीनबंधी और चौहदी सहित आसपास के कई गांव के लोग इलाज कराने आते थे।
डॉक्टर से लेकर नर्स तक हर समय उपलब्ध रहती थी।
अब न यहां कोई डॉक्टर और न कोई स्वास्थ्यकर्मी है। विडंबना तो यह है कि इस उप स्वास्थ्य केंद्र पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के अधिकारियों की भी कोई नजर नहीं है।
परिस्थितियां विषम होने पर यहां के मरीजों को या तो ग्रामीण चिकित्सकों के पास या फिर कई किलोमीटर दूर बीरपुर या सिमराही इलाज के लिए भटकना पड़ता है। आर्थिक रूप से कमजोर मरीज चाहकर भी अपना इलाज नहीं करवा पाते हैं। ऐसे में इन मरीजों को इलाज के बिना ही दम तोड़ देना पड़ता है।
हर चुनाव में स्वास्थ्य व्यवस्था को मुद्दा बनाया जाता है, लेकिन चुनाव समाप्त होते ही यह मुद्दा वादों तक ही सिमट कर रह जाता है। स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार अभी भी बड़ी समस्या है। बहरहाल, एक बार फिर चुनाव सिर पर है तो ऐसे में प्रत्याशी एक बार फिर से जनता के बीच पहुंचने लगे हैं। ऐसे में उनके वादों और काम का हिसाब भी जनता के जुबां पर आने लगी है। यही कारण है कि कई जगह जनप्रतिनिधियों को जनता की विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है।
----------
क्या कहते हैं ग्रामीण
फोटो फाइल नंबर-13एसयूपी-5
यहां स्वास्थ्य सुविधा नहीं रहने से लोग बीमार पड़ने पर परेशान हो जाते हैं। मरीज को भीमनगर और वीरपुर ले जाने को मजबूर होना पड़ता है। ऐसे में मरीजों के साथ अनहोनी भी हो जाती है। लंबे समय से यहां के ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की गुहार लगा कर रखा है।
सुरेश चंद्र मिश्र
-------------
फोटो फाइल नंबर-13एसयूपी-6
इतनी घनी आबादी रहने के बावजूद यहां ढंग की स्वास्थ्य सुविधा तक नहीं होना शर्मनाक बात है। इसकी चिता शासन-प्रशासन को भी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते आज ग्रामीणों को इलाज के लिए भटकना पड़ता है।
मोहन मंडल --------------
फोटो फाइल नंबर-13एसयूपी-7
ग्रामीण भारत के स्वास्थ्य का भार अपने कंधों पर उठाने वाले प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मजबूत करने की जरूरत है, लेकिन असलियत में यहां हालत बद से बदतर है। स्वास्थ्य उपकेंद्र में डॉक्टर तो दूर एएनएम तक की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
मनीष झा --------------
फोटो फाइल नंबर-13एसयूपी-8
विकास के इस दौर में भी स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पाया है। रतनपुर स्वास्थ्य उपकेंद्र में बुनियादी सुविधा तक लोगों को नहीं मिल पा रही है। कर्मियों के अभाव में स्वास्थ्य उपकेंद्र भूत बंगला बन गया है। बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के भरोसे ही यहां मरीजों की सांस चलती है।
मोहन मिश्र