296 परीक्षार्थियों ने छोड़ दी परीक्षा
सुपौल। इंटरमीडिएट परीक्षा के दूसरे दिन गुरुवार को भी प्रशासनिक सख्ती में कोई ढील नहीं दी
सुपौल। इंटरमीडिएट परीक्षा के दूसरे दिन गुरुवार को भी प्रशासनिक सख्ती में कोई ढील नहीं दी गई। परिणाम रहा कि पहले दिन की तरह दूसरे दिन भी दोनों पालियों में नकल करते एक भी परीक्षार्थी निष्कासित नहीं किए गए। परीक्षा के लिए जिले में बनाए गए सभी परीक्षा केंद्रों पर दूसरे दिन की परीक्षा भी शांतिपूर्ण एवं स्वच्छ माहौल में संपन्न हो गई। दूसरे दिन की परीक्षा में 296 परीक्षार्थी परीक्षा से अनुपस्थित रहे। जिसमें पहली पाली में 293 तथा दूसरी पाली में 3 परीक्षार्थी शामिल है। परीक्षा के पहले दिन निर्धारित समय से देर पहुंचने के कारण कुछ परीक्षार्थियों को परीक्षा से वंचित रहना पड़ा था। इसका नतीजा रहा कि दूसरे दिन की परीक्षा में परीक्षार्थियों का निर्धारित समय से पूर्व ही केंद्र पर पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। अधिकांश केंद्रों पर तलाशी की नहीं थी मुकम्मल व्यवस्था बिहार बोर्ड के द्वारा जारी सख्त निर्देश के बावजूद अधिकांश महिला परीक्षा केंद्रों पर छात्राओं की तलाशी के लिए कपड़े का अस्थाई घेरा की व्यवस्था नहीं की गई थी। परिणाम था कि ऐसे केंद्रों पर या तो बिना तलाशी के ही परीक्षार्थी को अंदर जाने की अनुमति दी जा रही थी या फिर तलाशी की महज खानापूर्ति ही की जा रही थी। जबकि बिहार बोर्ड द्वारा यह आदेश दिया गया था कि महिला परीक्षार्थियों की तलाशी महिला कर्मी के द्वारा गेट के बगल में कपड़े से बने अस्थाई घेरा में लिया जाना है। नहीं पहुंचे वीक्षक मची अफरा-तफरी
परीक्षा के दूसरे दिन एसएनएस महिला कालेज केंद्र पर परीक्षा का समय हो जाने के बावजूद मात्र सात वीक्षक ही पहुंचे जबकि वीक्षण कार्य के लिए 30 शिक्षकों ने अपना योगदान दिया था। नतीजा हुआ कि अफरा-तफरी का माहौल हो गया। लेकिन विभागीय अधिकारियों की सजगता से स्थिति नियंत्रित किया गया तथा अविलंब वैकल्पिक व्यवस्था की गई। केंद्राधीक्षक और वीक्षक के लिए डीईओ ने जारी किया सख्त निर्देश केंदाधीक्षकों द्वारा मौखिक आदेश जारी करने से प्रतिनियुक्त शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन केंद्र पर नहीं पहुंचने से परीक्षा संचालन में मची अफरा-तफरी की स्थिति को देख जिला शिक्षा पदाधिकारी जगतपति चौधरी ने परीक्षा के दूसरे दिन गुरुवार को सभी वीक्षक व केंद्राधीक्षकों को आदेश निर्गत कर प्रत्येक दिन प्रतिनियुक्त शिक्षकों को केंद्र पर उपस्थित होने को कहा है। जारी निर्देश में डीईओ ने कहा है कि 16 फरवरी तक आयोजित होने वाली इंटरमीडिएट परीक्षा के सफल संचालन को लेकर सभी परीक्षा केंद्रों पर केंद्राधीक्षक की मांग के अनुरूप वीक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है। ऐसा देखा जा रहा है कि केंद्राधीक्षकों के द्वारा वीक्षक के योगदान करवाने के उपरांत मौखिक रूप से उन्हें तिथि निर्धारित कर आने के लिए कहा जा रहा है तथा उनके नहीं आने की स्थिति में अफरा-तफरी का सामना करना पड़ता है। जो किसी भी स्थिति में वांछनीय नहीं है तथा इससे परीक्षा के सफल संचालन में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है। ऐसी स्थिति में केंद्राधीक्षक व वीक्षक को निर्देश दिया जाता है कि सभी वीक्षक अनिवार्य रूप से प्रत्येक दिन प्रतिनियुक्त परीक्षा केंद्र पर ससमय में अपना योगदान देना सुनिश्चित करेंगे। केंद्राधीक्षक सभी प्रतिनियुक्त वीक्षकों का प्रतिदिन हस्ताक्षर बनाना सुनिश्चित करेंगे एवं उस तिथि को आवश्यकता अनुसार शिक्षकों को कार्य आवंटित करेंगे। इस प्रकार वीक्षकों की प्रतिनियुक्ति करेंगे जिससे एक ही कमरे में प्रतिदिन कार्यरत नहीं रह सके। निर्देश में आगे कहा गया है कि ऐसा देखा जा रहा है कि शिक्षकों को केंद्र अधीक्षक द्वारा मौखिक रूप से निर्धारित तिथि को आने के लिए कह दिया जाता है एवं उक्त तिथि को उनके नहीं आने से परेशानी का सामना करना पड़ता है। किसी भी परिस्थिति में वीक्षकों को केंद्र पर नहीं आने का आदेश नहीं दिया जा सकता। केंद्राधीक्षक प्रतिदिन उपस्थित नहीं होने वाले प्रतिनियुक्त वीक्षकों की सूची अनिवार्य रूप से उसी दिन कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे ताकि उनके विरुद्ध कार्यवाही की जा सके। छात्राओं को भा रहा है मॉडल केंद्र आयोजित इंटरमीडिएट परीक्षा में जिले के चार केंद्रों को मॉडल परीक्षा केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है। इन मॉडल केंद्रों पर परीक्षार्थी सुखद माहौल का अनुभव कर रहे हैं। परीक्षा केंद्र के मुख्य गेट पर गुब्बारों की सजावट और अंदर कारपेट से होकर सजावट के बीच से परीक्षार्थी कक्ष तक जाने की व्यवस्था छात्राओं को परीक्षा में अलग ही एहसास करा रही है। इन परीक्षा केंद्रों को विशेष रूप से सजाया संवारा गया है ताकि यहां छात्राएं गुलाबी माहौल में परीक्षा दे सके।