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आज भी गोहाल और दलान पर हो रहा शिक्षादान

-शौचालय नहीं रहने से खुले में शौच को जाते बच्चे संवाद सूत्र सरायगढ़(सुपौल) सरकार एक तर

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Mar 2019 06:19 PM (IST)Updated: Wed, 13 Mar 2019 06:19 PM (IST)
आज भी गोहाल और दलान पर हो रहा शिक्षादान
आज भी गोहाल और दलान पर हो रहा शिक्षादान

-शौचालय नहीं रहने से खुले में शौच को जाते बच्चे

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संवाद सूत्र, सरायगढ़(सुपौल): सरकार एक तरफ सरकारी विद्यालयों को भवन तथा शौचालय से युक्त कर उसे शिक्षा के अनुकूल बनाने में लगी है तो दूसरी तरफ कोसी क्षेत्र के दर्जनों ऐसे विद्यालय हैं जिसको ना अपना भवन है ना ही शौचालय है। कोसी इलाके में मध्य विद्यालय औरही, मध्य विद्यालय बनैनिया, उत्क्रमित मध्य विद्यालय नेहालपट्टी, संस्कृत विद्यालय औरही, मध्य विद्यालय कटैया, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बलथरवा, मध्य विद्यालय ढोली, प्राथमिक विद्यालय सियानी, प्राथमिक विद्यालय झखराही, मध्य विद्यालय लौकहा, प्राथमिक विद्यालय कबियाही, मवि कड़हरी सहित कई ऐसे विद्यालय हैं जहां कोसी के बच्चे शिक्षा प्राप्त करते हैं। इन बच्चों को जहां झोपड़ी में पढ़ना पड़ता है। वहीं विद्यालय में शौचालय नहीं होने से खुले में शौच जाने की मजबूरी भी होती है। कोसी के इलाके में कुछ ऐसे भी विद्यालय हैं जिसको अपना फूस का घर भी नहीं है। वहां के बच्चे लोगों के गोहाल तथा दलान में पढ़ने को विवश हैं। कोसी के बच्चों को छात्रवृत्ति तथा पोशाक राशि देने में भी भारी धांधली की जाती है। कोसी के गांव के कई बच्चों का कहना है कि उन सबों को 2 वर्ष में एक बार कभी छात्रवृति या फिर पोशाक की राशि दी जाती है। जबकि कोसी के बाहर के विद्यालयों में इसका भुगतान नियमित रूप से हुआ करता है। यही एक कारण होता है कि कोसी के इलाके में बच्चे चाह कर भी अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते हैं। गरीबी के कारण बच्चे समय से पुस्तक नहीं खरीद पाते हैं और धीरे-धीरे उसका संपर्क पढ़ाई से छूट जाया करता है। अभिभावकों का कहना है कि वह सभी भवन तथा शौचालय के लिए बार-बार मांग करते हैं। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं होते हैं। हालांकि कुछ विद्यालय में लगभग 1 वर्ष पूर्व पीएचईडी विभाग से शौचालय का निर्माण कराया गया। लेकिन कुछ ही दिन में ऐसे शौचालय ध्वस्त हो गए।


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