नमो देव्यै:::::::ध्यान साधना से मन को नियंत्रित करवा रहीं डॉ. पूनम
जागरण संवाददाता सुपौल भागमभाग भरी जिदगी और तनावपूर्ण माहौल से लोग तरह-तरह की बीमारियो
जागरण संवाददाता, सुपौल : भागमभाग भरी जिदगी और तनावपूर्ण माहौल से लोग तरह-तरह की बीमारियों और परेशानियों की चपेट में आ रहे हैं। वर्तमान माहौल में मानसिक तनाव तो आम बात हो गई है। नतीजा है कि आज लोग मानसिक शांति और एकाग्रता के लिए तरह-तरह के उपाय आजमा रहे हैं। मानसिक शांति और एकाग्रता के लिए मेडिटेशन एक बेहतर विकल्प के रूप में सामने आया है और लोग इसे अपना कर मानसिक तनाव को कम कर रहे हैं। सुपौल निवासी डॉ. पूनम भारती मेडिटेशन के माध्यम से लोगों को मानसिक तनाव से दूर रहने की न केवल सलाह दे रही है, बल्कि उन्हें मेडिटेशन भी करवा रही हैं। बकौल भारती उनकी पारिवारिक पृष्ठ भूमि अध्यात्मिक रही है और इसी के बीच उनका लालन-पालन हुआ है। नतीजा रहा कि अध्यात्म से उनका लगाव बढ़ता ही चला गया। साहित्य कला, गीत-संगीत, कविता, लेखन की अभिरुचि रखने वाली डॉ. भारती बताती है कि एमए और डॉक्टर ऑफ नेचुरोपैथी करने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और समाज के लिए कुछ करने की ठानी। शांति की स्थापना कैसे हो इसको लेकर उनके कुछ अपने सपने थे और इन्हीं सपने को ले वे आगे बढ़ चली। उनका मानना है कि जब कोई दवा काम नहीं आती है तो मन को शांत रखने के लिए ध्यान यानि मेडिटेशन से बेहतर कुछ नहीं। उनका कहना है कि ध्यान की काफी विधियों पर उनके द्वारा रिसर्च किया गया है और उन्होंने हजारों तनाव से भरे लोगों पर काम किया है। इस दौरान उनके द्वारा पाया गया कि विपरीत परिस्थितियां हमेशा आसपास होती हैं और ऐसे में मेडिटेशन हमारे तन और मन को शांत रखने में सहयोगी होता है। ओशो के इंटरनेशनल मेडिटेशन फैसिलेटर के रूप में काम कर रही डॉ. भारती बताती है कि ध्यान हमारे अंदर अच्छी उर्जा का संचार करता है, जिससे हम और सृजन कर सकते हैं। बताती है कि वह देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी ध्यान और प्रेम का बीज बो रही हैं।