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एसडीओ और कर्मियों के बीच शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर

जागरण संवाददाता सुपौल अनुमंडल पदाधिकारी और उनके अधीनस्थ कर्मियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप क

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 11:37 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 06:19 AM (IST)
एसडीओ और कर्मियों के बीच शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर
एसडीओ और कर्मियों के बीच शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप का दौर

जागरण संवाददाता सुपौल: अनुमंडल पदाधिकारी और उनके अधीनस्थ कर्मियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। जहां एक ओर अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल ने एक लिपिक पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला पदाधिकारी सुपौल को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है वहीं दूसरी ओर जिला पदाधिकारी के द्वारा पूछे गए स्पष्टीकरण पर संबंधित लिपिक ने अनुमंडल पदाधिकारी पर ही भ्रष्टाचार सहित अन्य कई आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से गुप्त जांच कराने का अनुरोध किया है। जिलाधिकारी ने लिपिक के द्वारा समर्पित स्पष्टीकरण के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल से मंतव्य मांगा है।

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अनुमंडल पदाधिकारी का लिपिक पर आरोप

अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल ने 18 अप्रैल को जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अपने अधीनस्थ निम्नवर्गीय लिपिक मिथिलेश कुमार सिंह पर अनुशासनहीनता, अमर्यादित आचरण करने एवं रिश्वतखोरी में लिप्त रहने के कारण निलंबित करने का अनुरोध किया है। अनुमंडल पदाधिकारी ने अपने पत्र में कहा है कि श्री सिंह लॉकडाउन के दौरान पास बनाने के नाम पांच-पांच सौ रुपये आवेदक से घूस की मांग करते थे और नहीं देने वाले का पास नहीं बनाते थे। इतना ही नहीं इस लिपिक के विरुद्ध जन वितरण प्रणाली विक्रेता के लाइसेंस हेतु पैसा मांगने का पूर्व में आरोप है। साथ ही जन वितरण प्रणाली किसनपुर के एक रद डीलर नंदी मेहता से भी लाइसेंस बहाल करने को लेकर 1500 रुपया लिया गया। पत्र में लिखा है कि श्री सिंह के रिश्वतखोरी से न केवल पूरा अनुमंडल बल्कि अनुमंडल पदाधिकारी की भी छवि एवं प्रतिष्ठा पर आंच आई है।

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जिलाधिकारी का लिपिक से स्पष्टीकरण

जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी के पत्र के आलोक में 11 मई को अनुमंडल में पदस्थापित लिपिक मिथिलेश कुमार सिंह को पत्र लिखकर अपना स्पष्टीकरण एक सप्ताह के अंदर समर्पित करने का आदेश दिया। जिलाधिकारी ने अपने पत्र में लिखा है कि अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल के द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में कहा गया है कि राशन कार्ड, खाद्यान्न वितरण एवं वाहन पास निर्गत करने संबंधी कार्यों की समीक्षा के क्रम में हो-हल्ला होने की आवाज आई। वाहन पास एवं श्रमिक पास बनाने के नाम पर लिपिक द्वारा पैसे की मांग की जा रही थी। अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल के द्वारा पूछताछ करने पर अनुशासनहीनता का परिचय देते हुए लिपिक जोर-जोर सें चिल्लाने लगे।

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लिपिक का अनुमंडल पदाधिकारी पर आरोप

अनुमंडल कार्यालय सुपौल में पदस्थापित निम्नवर्गीय लिपिक मिथिलेश कुमार सिंह ने जिलाधिकारी को समर्पित स्पष्टीकरण में अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा लगाए गए आरोप को साक्ष्य सहित खारिज करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी पर ही गंभीर आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से गुप्त जांच कराने का अनुरोध किया है। समर्पित पत्र में कहा गया है कि अनुमंडल पदाधिकारी सुपौल पैसे के मामले में अपनी प्रशासनिक प्रतिष्ठा को खो चुके हैं। एक प्रशासनिक पदाधिकारी अपनी गलती को छुपाने के लिए अन्य व्यक्तियों से मेरे विरुद्ध रिश्वतखोरी का बयान लिखवाए हैं। दिनांक 17 अप्रैल 2020 को ही अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा मुझसे गाड़ी का पास एवं परमिट निर्गत पंजी अवलोकन हेतु मांगा गया। परमिट निर्गत संख्या के अनुसार प्रति परमिट की दर से पैसे की मांग की गई। मेरे द्वारा इन्कार करने पर वाहन पास निर्गत का कार्य मुझसे हटाकर दूसरे लिपिक को दिया गया। इसके अतिरिक्त अनुमंडल पदाधिकारी पर अन्य आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से जांच का अनुरोध किया है।


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