श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
सुपौल। कोसी बराज परे कोसी नदी में कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष पहली पूर्णिमा को श्रद्धालुओं ने लगाया आस्था की डुबकी।
सुपौल। कोसी बराज परे कोसी नदी में कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष पहली पूर्णिमा को श्रद्धालुओं ने लगाया आस्था की डुबकी। भारत-नेपाल सीमा पर कोसी नदी में कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के पहले दिन नहाने के लिए सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, बथनाहा, फारबिसगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज के लोग एकत्रित होते हैं। आज के दिन नेपाल स्थित बराह मन्दिर में पूजा और दर्शन की विशेष महत्ता रही है। पुराणों में भी भगवान विष्णु के द्वारा जगत की रक्षा के लिए बराह का रूप लेना पड़ा था। कहा जाता है कि कोशी का उद्गम स्थल चतरा के पास ही वह जगह है जहां बराह का अवतार हुआ था। उसी समय से यहां मन्दिर स्थापित है जो पहाड़ पर है। नेपाल सरकार की देखरेख में आज भी वहां देश-विदेश से तीर्थ यात्री और साधु संतों का आना जाना लगा रहता है।