पति, सास व ससुर को सुनाई गई दस-दस वर्ष की सजा
-पांच हत्यारों को सुनाई गई है सजा -दहेज की खातिर गुड़िया को ससुराल वालों ने उतार दिया था
-पांच हत्यारों को सुनाई गई है सजा -दहेज की खातिर गुड़िया को ससुराल वालों ने उतार दिया था मौत के घाट
-28 जून 2016 को बंद घर में गुड़िया को चढ़ा दी गई थी फांसी
-न्यायालय ने पति, सास, ससुर, देवर व ननद को ठहराया दोषी
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फोटो फाइल नंबर-15एसयूपी-9
जागरण संवाददाता, सुपौल: दहेज के लिए विवाहिता की हत्या के एक मामले में त्वरित न्यायालय द्वितीय झूलानंद झा की कोर्ट ने दोषी करार करते हुए पति, सास व ससुर को 10 वर्ष तथा देवर व ननद को 7 वर्ष की सजा सुनाई है। मामला सदर थाना कांड संख्या 321/16 तथा सत्रवाद संख्या 200/16 से संबंधित है। जिसमें नगरपरिषद वार्ड नंबर 10 स्थित ससुराल के लोगों ने गुड़िया भारती की फांसी लटका कर हत्या कर दी थी। मामले को लेकर मृतका के पिता नगरपरिषद वार्ड नंबर 11 निवासी फागु मुखिया ने सदर थाना में मामला दर्ज किया था। दर्ज मामले में मृतक गुड़िया के पति रोशन कुमार, ससुर सुरेश सहनी, सास किरण देवी, देवर पंकज कुमार तथा ननद जूली कुमारी को आरोपित किया था। घटना के संबंध में पुलिस को दिए बयान में फागु मुखिया ने कहा था कि उनकी 21 वर्षीय पुत्री गुड़िया भारती की शादी हिदू रीति रिवाज के साथ 10 फरवरी 2015 को वार्ड नंबर 10 निवासी सुरेश सहनी के पुत्र रोशन कुमार से हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ससुराल के लोग उनकी बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे जबकि शादी के समय अपनी औकात के मुताबिक दान-दहे•ा दी गई थी। ये लोग दहेज के रूप में एक लाख रुपया नगद व मोटरसाइकिल आदि चीजों की मांग कर रहे थे। बेटी को बार-बार प्रताड़ित किए जाने के कारण उन लोगों ने विदागिरी कर अपने घर ले आया। इस बीच सामाजिक स्तर पर पंचायत भी हुई। पंचायत में हुए सुलहनामा के बाद गुड़िया को ससुराल भेजा गया। इसी बीच 24 मई 2016 को उन लोगों ने उनकी बेटी को शरीर पर मिट्टी तेल छिड़ककर मारने का प्रयास किया। हालांकि हो-हल्ला हो जाने के कारण किसी तरह उसकी जान बच गई। जिसकी शिकायत उसने महिला थाना से की थी। महिला थाना द्वारा बेटी समेत ससुराल के सभी लोगों की काउंसलिग की गई तथा पुन: उनकी बेटी को ससुराल वापस भेज दिया गया। इस बीच 28 जून 2016 को वार्ड नंबर 10 स्थित किराए के एक मकान में साड़ी का फंदा बनाकर पंखे से लटका दिया गया। जब वे लोग पुलिस के साथ उनके घर पहुंचे और कमरा को खोला गया तो पाया कि उनकी बेटी मृत है और उसका शव पंखे से लटका है। सुनवाई उपरांत कोर्ट ने रोशन कुमार, सुरेश सहनी, किरण देवी को भादवि धारा 304 बी के तहत 10 वर्ष तथा धारा 120 बी के तहत 5 वर्ष, जबकि पंकज कुमार व जुली कुमारी को धारा 304 बी के तहत 7 वर्ष तथा धारा 120 बी के तहत 5 वर्ष की सजा सुनाई गई है। कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले में कहा गया है कि दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। सुनवाई के दौरान इस पूरे मामले में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विनोद कांत झा और नागेंद्र नारायण ठाकुर तथा अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक अबु जफर ने बहस में हिस्सा लिया।