पुनर्वास का अभिशाप, नहीं मिल रहा शहरी आवास
सरकार ने दाखिल-खारिज के वादों को समय सीमा के अंदर निष्पादन के लिए इसे आरटीपीएस में शामिल किया ताकि लोगों को इसके लिए ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़े। लेकिन अंचलाधिकारी की उदासीनता कहिए या कर्मियों की मनमानी जनता को इसका समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। वर्तमान में ऐसे सैकड़ों मामले हैं जो निर्धारित समय सीमा खत्म होने के बाद भी कई महीनों से लंबित पड़े हैं।
सुपौल। जागरण आपके द्वार अभियान के तहत जागरण टीम लोगों की समस्याओं की पड़ताल करने रविवार की सुबह वार्ड नंबर एक में थी। कई लोग सड़क किनारे जमा थे और वार्ड की समस्याओं पर मंत्रणा कर रहे थे। कुछ लोग वार्ड आयुक्त के घर पर भी पहुंचे थे और वार्ड में विद्यमान समस्याओं से उन्हें रूबरू करा रहे थे। पुनर्वास की जमीन पर बसे इस वार्ड में विकास तो दिख रहा था बावजूद कुछ समस्याएं भी नजर आ रही थी। वार्ड में कई जगह पीसीसी सड़क की ढलाई हुई है। किन्तु वार्ड के कुछ लोगों को अब भी आवागमन के लिए कच्ची सड़क ही नसीब है। जगह-जगह सड़क पर अतिक्रमण भी दिखा। ग्रामीण सड़क होने के कारण इस अतिक्रमण पर कोई खास ध्यान नहीं दिखा। वार्ड में बिजली आपूर्ति बहाल है। बिजली के पोल पर कवर्ड वायर लगा कर लोगों को विद्युत की सप्लाई दी गई है। पेंशन योजना की उपेक्षा से वार्डवासी परेशान दिखे। पुनर्वास की जमीन रहने के कारण वार्डवासियों को भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वार्डवासी वंचित हो रहे हैं। स्ट्रीट लाइट व्यवस्था सु²ढ़ नहीं रहने का मलाल भी लोगों में दिखा। लोगों का कहना था कि अधिकांश एलइडी लाइट खराब पड़ी हुई हैं। संवेदक मेंटेनेंस की राशि नहीं मिलने के कारण इसको तबज्जो नहीं दे रहे। बीआरजेपी योजना के तहत शुद्ध पेयजल के लिए लोगों के घर तक टोटी पहुंचाई गई पर इस टोटी से पानी नहीं टपक रहा। कभी-कभार पानी टपकता भी है तो वह पीने योग्य नहीं रहता। शिक्षा के मामले में वार्ड में उत्क्रमित मध्य विद्यालय बलबा पुनर्वास, कस्तूरबा बालिका विद्यालय के साथ-साथ बीआरसी का कार्यालय भी है। वार्ड में जलजमाव की समस्या वार्ड में नाला नहीं रहने के कारण लोगों के घरों का पानी सड़क पर ही बहता है। बरसात के दिनों में पानी के निकासी की व्यवस्था नहीं रहने से जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है और लोग दो-तीन महीने इस समस्या से जूझते हैं। आलम यह होता है कि बरसात का पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर जाता है और उन्हें इस समस्या से दो-चार होना पड़ता है। वार्ड का परिचय अनुसूचित जाति-जनजाति व पिछड़ा बाहुल्य यह वार्ड नगरपरिषद क्षेत्र के सबसे पश्चिमी भाग में स्थित है। उत्तरी भाग में मलहद गांव है। पूर्वी भाग वार्ड नंबर 02 और 09 की सीमा को छूता है। वार्ड के अधिकांश लोग मेहनत-मजदूरी कर अपनी जीविका चलाते हैं। कुछ लोग दूसरे के खेतों में बटाईदार के रूप में काम भी करते हैं।
-वार्ड की आबादी
-4000 -वार्ड में मतदाता
-1500 -क्या कहती हैं वार्ड पार्षद
फोटो फाइल नंबर-1एसयूपी-4 वार्ड में कई समस्याएं विद्यमान थी। जिनका निराकरण किया जा रहा है। आवागमन को सुगम बनाने के लिए कई पीसीसी सड़क बनवाई गई है। पीसीसी सड़क के बन जाने से लोगों कर आवाजाही सुलभ हुई है। अब भी वार्ड में 11 कच्ची सड़क है। कहा कि जब तक नप के माध्यम से विभिन्न पेंशन योजनाओं का भुगतान हो रहा था तब तक स्थिति अच्छी थी। अब खाते के माध्यम से राशि भेजी जा रही है, जिस कारण थोड़ी परेशानी आ रही है। नप से वार्ड के विकास के लिए जो हिस्सेदारी मिलती है उस राशि से वार्ड की समस्याओं के समाधान का प्रयास किया जा रहा है। -विशेखा देवी क्या कहते हैं वार्डवासी बुजुर्ग उमाशंकर सिंह, हरिनंदन यादव, मेहदी हुसैन आदि बताते हैं कि नाला नहीं रहने के कारण वार्ड में जलजमाव होता है। जलजमाव की समस्या वार्ड के लिए सबसे गंभीर समस्या है। बरसात के दिनों में स्थिति बद से बदतर हो जाती है और वार्डवासियों की फजीहत होती है। पुनर्वास की जमीन में बसे होने के कारण कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिलेगा। क्या हमलोगों की जिदंगी फूस व कच्चे घर में ही कट जाएगी।
शालीग्राम झा, गंगिया देवी, कमल सादा आदि बताते हैं कि पूर्व में वार्ड में स्ट्रीट लाइट जलता था। किन्तु इधर कुछ महीने से पोल पर लगा अधिकांश एलइडी लाइट देखरेख के अभाव में खराब पड़ी हैं। जब कभी नप को इस संबंध में जानकारी दी जाती है तो जवाब मिलता है कि मेंटेनेंस का काम उनके जिम्मे नहीं और संवेदक कहते हैं कि उन्हें मेंटेनेंस की राशि नहीं मिल रही है तो वे काम कैसे करें।
युवा पंकज यादव, बैद्यनाथ पंडित, बेचन सादा आदि का कहना है कि वार्ड में स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर कुछ भी मौजूद नहीं है। छोटी से छोटी बीमारी होने पर भी सदर अस्पताल का ही सहारा लेना पड़ता है। वार्ड से सदर अस्पताल की दूरी लगभग ढाई-तीन किलोमीटर है।
युवा भोला सिंह एवं महेश्वर यादव का कहना है कि वार्ड की साफ-सफाई वार्डवासियों के बलबूते ही होती है। नप की गाड़ी सफाई के नाम पर सप्ताह में केवल एक बार वार्ड आती है। अन्य दिन वार्डवासी खुद अपने-अपने घर-दरवाजे और वार्ड की साफ-सफाई करते हैं।