मकर संक्रांति को ले बाजारों में तिलकुट की बहार
सुपौल। मकर संक्रांति में तिल व तिल से बने सामग्री का खासा महत्व है। लोग तिल से मुंह जुठाकर व
सुपौल। मकर संक्रांति में तिल व तिल से बने सामग्री का खासा महत्व है। लोग तिल से मुंह जुठाकर व तिल दान कर मकर संक्रांति का पर्व मनाते हैं। मकर संक्रांति को ले बाजारों में तिलकुट व तिल से बने सामग्रियों की दुकानें सजी थी और लोग आकर्षित होकर जमकर खरीदारी कर रहे थे। तिलकुट कई तरह से बनाये जाते हैं। कुछ तिलुकट तिल व गुड़ से बनता है तो कुछ तिल व चीनी से। इसके अलावा तिल की लाई आदि भी बनाये व बेचे जाते हैं। इस बार बाजार में गया के कारीगरों द्वारा तिलकुट बनाया जा रहा और बेचा जा रहा है। इससे पूर्व स्थानीय दुकानदार गया, पटना, भागलपुर आदि से तिलकुट मंगा कर बेचा करते थे। वहीं स्थानीय स्तर पर भी बनाये जाने वाले तिलकुट की मांग रहती है। इस बार बाजार में उपलब्ध तिलकुट की कीमत से 300 से 500 रुपये प्रति किलो तक है। मकर संक्रांति को ले लोग तिलकुट की खरीदारी कर रहे हैं और बाजारों में तिलकुट की बहार दिखाई देने लगी है।