मौसम की बेरूखी से किसान हो रहे हताश
सुपौल। जनवरी माह में मौसम की बेरुखी से किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें उभरने लगी है।
सुपौल। जनवरी माह में मौसम की बेरुखी से किसानों के माथे पर ¨चता की लकीरें उभरने लगी है। शुरुआती दौर में कोहरा न पड़ने से किसानों को फसलों की ¨चता सताने लगी है। जनवरी चल रहा है, अब तक ठीकठाक कोहरा पड़ना शुरू नहीं हुआ है। मौसम की बेरुखी गेहूं के किसानों को परेशान कर रही है। ऐसे हालात में किसानों को गेहूं की अधिक ¨सचाई के लिए तैयार रहना होगा। किसानों ने बताया कि रबी की फसल के लिए सरसों, आलू, चना, मटर, जौ, तोरी आदि को तो कोहरा न पड़ने से लाभ मिल रहा है पर गेहूं की फसल को दिक्कत हो रही है। जानकारों का कहना है कि पौष मास में 9 दिन बीत जाने के बाद बाद भी कोहरा न पड़ने से गेहूं और मसूर बोने वाले किसान ¨चतित हैं। कारण खेतों में नमी कम हो रही है। यह फसलों के विकास के लिए हानिप्रद है। ऐसे में खेतों में नमी बनाए रखने के लिए किसानों को अतिरिक्त ¨सचाई करनी पड़ेगी। इस इलाके की लगभग 85 प्रतिशत आबादी खेती पर निर्भर है। कई हेक्टेयर भूमि पर फसलों की बोआई हुई है। किसान विजय कुमार ¨सह, अभिलेश कुमार, नरेश कुमार, वीरेंद्र यादव और लक्ष्मी नारायण यादव आदि ने बताया कि दिसंबर के महीने में कोहरा पड़ने से गेहूं की फसल में व्यास अधिक होता है। जितना अधिक व्यास होता है उतनी ही बाली लगती है। गेहूं व मसूर की फसल के लिए शीत काफी उपयोगी है। कोहरा पड़ने पर गेहूं का विकास होता है। मगर इस वर्ष दिसंबर माह बीत गया लेकिन अभी तक ठंड सही तरीके नहीं पड़ी है। मौसम की बेरुखी से पड़ने से नमी तेजी से खत्म हो रहा है। मौसम में अगर जल्द परिवर्तन नहीं हुआ तो फसलों पर बुरा असर पड़ेगा।