माइनर में पानी नहीं छोड़े जाने से किसान परेशान
सुपौल। ¨सचाई के लिए विभाग बड़ी नहरों में तो पानी छोड़ देता है, परंतु यह पानी खेत तक कैस
सुपौल। ¨सचाई के लिए विभाग बड़ी नहरों में तो पानी छोड़ देता है, परंतु यह पानी खेत तक कैसे पहुंचे इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। हालांकि खेत तक पानी पहुंचाने के लिए माइनरों का जाल सा बिछाया गया था लेकिन विभागीय उदासीनता व रखरखाव के कारण कई माइनर पानी को खुद तरस रहे हैं। इन्हीं में से एक है सदर प्रखंड का अमहा माइनर जो विगत कई वर्षों से मृतप्राय है। किसान बिजेंद्र यादव, धीरेन्द्र यादव, दिनेश यादव, क्रांति यादव, अशोक, चन्दन, पांडव, बैजू कुमार आदि किसान बताते हैं कि जब इस माइनर में पानी आता था तो आसपास के सैकड़ों एकड़ जमीन के पटवन में आसानी होती थी। कम खर्च पर ससमय पटवन होने के कारण उत्पादन भी अधिक होता था। इधर कई वर्षों से माइनर की खुदाई व मरम्मत भी नहीं हो सकी है। इस कारण माइनर में पानी नहीं छोड़ा गया। जिससे किसानों को पटवन के लिए स्वयं इंतजाम करना पड़ता है। इधर किसानों ने जैसे-तैसे रबी फसल की बोआई तो कर ली। अब जबकि फसलों को पटवन की दरकार है तो माइनर ही सूखा है। किसान बताते हैं कि अगर माइनर में पानी रहता तो ¨सचाई में सुविधा हो जाती। स्थानीय किसानों ने जिलाधिकारी से व विभाग से इस ओर नजरें इनायत करने की गुहार लगाई है।