कुहासे की चादर में लिपटा रहा शहर
सुपौल। पूस की ठंड में यूं तो आम जन-जीवन परेशान रहता ही है, लेकिन शुक्रवार की सुबह सुप
सुपौल। पूस की ठंड में यूं तो आम जन-जीवन परेशान रहता ही है, लेकिन शुक्रवार की सुबह सुपौल शहर काफी ठिठुरन भरी रही। सुबह के पांच बजे स्थिति आम दिनों की तरह थी। लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे पूरे शहर को कुहासे ने अपने चादर में लपेट लिया। उसके बाद ठंड और अधिक बढ़ गई। कुछ देर के लिए तो ऐसा हो गया कि हाथ को हाथ नहीं सूझ रहा था। कुहासे के चलते सड़कों पर दौड़ने वाली गाड़ियां रेंगती नजर आई। अधिकांश लोग नित्य क्रिया फारिग हो ठंड व कुहासे की स्थिति को देख पुन: रजाई में जा घुसे। हालांकि शहर के दुकानदारों ने धुंध में ही अपनी-अपनी दुकानें खोली, लेकिन अत्यधिक ठंड के चलते उनका हाथ-पैर ठीक से काम नहीं कर रहा था। नतीजा दुकान के आगे ही पेड़ से गिरे पत्ते सहित सड़क के किनारे गिरे अन्य चीजों को जमा कर आग जलाया और शरीर को गर्मी पहुंचाई। साढ़े दस बजे के करीब धुंध छटा और सूर्य देव ने दर्शन दी तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। लोगों का कहना था कि मकर संक्राति तक ठंड व कुहासे तक यही स्थिति रहेगी। हो सकता है और अधिक ठंड बढ़े। कहा कि ठंड बढ़ी बावजूद प्रशासन की ओर से अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई। अगर आगे अलाव की व्यवस्था नहीं हुई तो ठंड से लोगों को और अधिक परेशान होना पड़ेगा।